पैरो तले जमीन के नीचे भरा पड़ा किमती रत्न हीरे का भंडार, जमीन के उपर निवास करने वाले आदिवासी ग्रामीण मूलभुत बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- ग्राम पंचायत जागड़ा एवं आश्रित ग्राम पयलीखंड, कुर्रूभाठा, बरगांव एवं डूमरपड़ाव मे आजादी के 77 वर्षों बाद भी नहीं पहूंची बिजली की रौशनी
- गांव तक पहुुचने के लिए नही है पक्की सड़क पगडंडीनुमा, किचड़ से भरे सड़क में पैदल चलना भी मुश्किल
- 20 वर्षो से विधायक और सांसद नहीं पहुंचे हैं इस क्षेत्र के गांव में
गरियाबंद। इन ग्रामों में जमीन के नीचे आपार हीरा रत्न का भंडार भरा पड़ा है। इसके उपर निवास करने वाले लोग आजादी के 77 वर्षो बाद भी मूलभुत बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश ही नही पूरे देश और विदेश में जागड़ा पयलीखंड को विश्व प्रसिद्ध हीरा खदान के नाम से जाना जाता है लेकिन यहां निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया आदिवासी ग्रामीण आज पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है इनके किमती वोटो से चुनाव जीतने वाले सांसद ,विधायक भी पिछले 20 वर्षो से इन ग्रामों के दौरे में नही पहुंचे है जिसके कारण यहां के मूलभुत समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण जनसमस्या निवारण शिविर से लेकर उच्च अधिकारियों तक कई बार फरियाद लगाकर थक चुके हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नही हो रहा है। समस्याओं के मकड़ाजाल में फंसे इन ग्रामों के ग्रामीणों को अपने सुनहरे भविष्य के लिए और गांव तक पक्की सड़क पेयजल जैसे सुविधा प्राप्त करने के लिए अब विधायक, सांसद और उच्च अधिकारियों का इंतिजार है कि कब इस क्षेत्र में उनके सांसद ,विधायक और जिले के आला अफसर दौरे पर पहुंचेगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 कि.मी.दूर मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत जागड़ा है और इस ग्राम पंचायत के बरगांव, डुमरपड़ाव, कुर्रूभाठा, पयलीखंड आश्रित ग्राम है जिसकी जनसंख्या लगभग 3000 के आसपास बतायी गई और यहां विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया आदिवासी बड़ी संख्या में निवास करते हैं।
- लालटेन युग में जीने को मजबूर, अब तक नही पहुंची बिजली की रौशनी
आजादी के पिछले सात दशक में देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। एक तरफ हम डिजिटल इंडिया से लेकर चन्द्रमा तक दस्तक दे चूके है। ठीक इसके विपरित ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी जो विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के हीरा खदान क्षेत्र के ग्रामीण आज भी लालटेन की रौशनी में जीवन यापन करने मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि आज तक इन ग्रामों में बिजली की रौशनी नहीं पहुंच पाई है यहां के ग्रामीणों ने कई बार बिजली लगाने की मांग को लेकर फरियाद कर चूके है। कहने को तो ग्राम बरगांव ,कुर्रूभाठा, डूमरपड़ाव, पयलीखंड एवं जागड़ा में सौर उर्जा लगाया है लेकिन यह सौर उर्जा प्लेट वर्षो पुराना होने के कारण कहीं बैटरी खराब है तो कहीं पैनल खराब है जिसके कारण महज घंटा दो घंटा ही जल पाता है उसके बाद ग्रामीणों को पूरी रात अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ता है। लालटेन की रौशनी में रात गुजारना पड़ता है वैसा भी यह क्षेत्र घने जंगल क्षेत्र होने के कारण हमेशा जहरीले जीव जन्तुओं का डर बना रहता है।
- 10 कि.मी. सड़क की हालत दलदल और किचड़ युक्त पक्की सड़क को तरसता ग्रामीण
नेशनल हाईवे 130सी डूमरपड़ाव से लेकर कुर्रूभाठा पयलीखंड जागड़ा तक पगड़ंडी सड़क की हालत बेहद खराब है जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे और दलदल के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। पुल पुलिया का अभाव बना हुआ है। ग्रामीण उपसरपंच भानु सिन्हा,आदिवासी भुंजिया नेता टीकम नागवंशी, फूलंचंद नागेश, गंगाबाई सोरी, राजकुमार, महेश, नरेश, धनसिंग, जुगोराम,केशन सिन्हा,अमर सिन्हा,घनश्याम ने बताया पक्की सड़क निर्माण की मांग को लेकर कई बार आवेदन दे चूके है लेकिन अब तक सड़क निर्माण नही हुआ सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को हो रही है क्योंकि प्रतिदिन 10 कि.मी. डूमरपड़ाव तक हाईसकूल पढ़ने जान जोखिम में डालकर आना पड़ रहा है।
- पेयजल की गंभीर समस्या
ग्रामजागड़ा,पयलीखंड,बरगांव,कुर्रूभाठा में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। कई हेण्डपम्प खराब पड़े हुए हैं। कुर्रूभाठा में क्रेडा विभाग द्वारा लाखो रूपये खर्च कर पानी टंकी लगया गया है लेकिन मोटर जलने के बाद से पिछले 3 वर्षो से बंद पड़ा है। कई बार शिकायत किया जा चूका है लेकिन अबतक सुधार नहीं हुआ। इस क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
- 06 माह से नहीं मिला है मनरेगा का मजदूरी
ग्राम कुर्रूभाठा के ग्रामीणों ने बताया गांव में रोजगार गरंटी योजना के तहत तालाब समतलीकरण ढेलवानी के कार्य करवाया गया है लेकिन पिछले 06 माह से ग्रामीणों को मजदूरी राशि नही मिला है मजदूरी राशि के लिए कई बार चक्कर लगा चूके है।
- सांसद, विधायक एवं कलेक्टर का ग्रामीणों को हैं इंतिजार
ग्राम के टीकम नागवंशी,गंगाबाई सोरी,महेश,नन्हे सिंह एवं ग्रामीणों ने बताया पिछलेे 20 वर्षो से कोई भी सांसद, विधायक हमारे गांव नही पहुंचे है ग्रामीणों का मानना है सांसद,विधायक कलेक्टर के गांव आने के बाद गांव की समस्याओं का समाधान होंगा,