मैनपुर मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं, शव को नदी पार कराकर ले जाना पड़ता है, लोगों में भारी आक्रोश
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- तहसील मुख्यालय मैनपुर के लोगों ने कई बार स्थानीय अधिकारियों सहित ग्राम पंचायत से मांग करते थक चुके सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला
- मुक्तिधाम तक यदि तत्काल रास्ता निर्माण नहीं किया गया तो मैनपुर नगर के लोग करेंगे उग्र आंदोलन
- मैनपुर नगर के लोगों ने गरियाबंद कलेक्टर आकाश छिकारा को पत्र लिखकर मुक्तिधाम में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर नगर में मुक्तिधाम समस्याओं से जकड़ा हुआ है यहां अंतिम संस्कार करने के लिए शव को मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए बारिश के इन दिनों में नदी के बाढ़ को पार कर ले जाना पड़ रहा है और तो और मुक्तिधाम का शेड इतना जर्जर हो गया है कि बारिश के इन दिनों में लोगो को त्रिपाल पालीथीन को पकड़कर दाह संस्कार करने मजबुर होना पड़ रहा है। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को न हो नगर के लोगो ने कई बार स्थानीय अधिकारियों सहित ग्राम पंचायत मैनपुर से मुक्तिधाम तक सड़क बनाने और शेड निर्माण की मांग कर थक चुके है लेकिन जनता की इस मूलभूत समस्या के समाधान के लिए न तो स्थानीय अधिकारियों ने कोई पहल किया और न ही ग्राम पंचायत मैनपुर द्वारा जिसके चलते नगर के लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। आंदोलन तक करने की चेतावनी दिया गया है। मैनपुर नगर के लोगों ने गरियाबंद के कलेक्टर आकाश छिकारा को पत्र लिखकर तत्काल मुक्तिधाम में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग किया है।
मैनपुर के नदीपारा नदी किनारे मुक्तिधाम की हालत बेहद खराब हो गई है और इस मुक्ति धाम में आने जाने के लिए रास्ता भी नहीं है और तो और इन बारिश के दिनों में इस मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज गुरूवार को नगर के आमापारा निवासी वरिष्ठ बुजुर्ग महिला का निधन हो गया सुबह से क्षेत्र में झमाझम बारिश हो रही है। मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए नगर के लोग पिछले 4- 5 वर्षो से सड़क की मांग करते आ रहे हैं। सड़क नहीं होने के कारण आज नगर के लोगों को मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा यहा तक कि शव को मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए परिजन भारी परेशान नजर आये। सैकड़ो की संख्या में नगर के लोग मुक्तिधाम पहुंचे थे लेकिन मुक्तिधाम में सड़क, शेड, हैंडपंप की सुविधा नहीं होने से लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। लगभग 20 वर्ष पहले यहा टीन का सेड लगाया गया था। चबुतरा का निर्माण किया गया था लेकिन अब वह टीन का सेड टुट फुट चुकी है और चबुतरा उखड़ गया है।
- मुक्तिधाम के चारों तरफ बड़े -बड़े झाड़ झडुके, शवदाह का फर्स भी टूट फुट चुका है, हैंडपंप नहीं
मुक्तिधाम के चारो तरफ झाड, झाडिया उग गई शवदह का फर्श उखड चुका है और यहा पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। हेडपम्प भी नहीं है , जिसके चलते मुक्तिधाम में पहुंचने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मुक्तिधाम खंण्डहर में तब्दील हो गया है यदि जल्द ही मुक्तिधाम के नदी किनारे तटबंध का निर्माण नही किया गया तो आने वाले बारिश के दिनों में मुक्तिधाम का सेड भी बाढ के पानी में बह जाने की अंदेशा है। तहसील मुख्यालय मैनपुर होने के बावजूद आज मुक्तिधाम समस्याओं के मकडाजाल में जकड़ा हुआ है। चारों तरफ कचरा और गंदगी फैला हुआ है, कही कोई सफाई की व्यवस्था नहीं है। और तो और मुक्तिधाम के आसपास वहा पहुचने वाले लोगो के लिए सर छिपाने व बारिश से बचने कोई सेड का निर्माण या बैठने की कोई सुविधा नहीं है। बारिश के दिनो में लोग त्रिपाल लेकर जाते हैं, तब कही जाकर यहा दहसंस्कार कार्यक्रम सम्पन्न हो पाता है।
- मैनपुर नगर के लोगों ने कलेक्टर को लिखा पत्र
मुक्तिधाम मैनपुर में सड़क निर्माण कराने के साथ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए हैंडपंप खनन, शेड निर्माण, आहता निर्माण की मांग को लेकर गरियाबंद कलेक्टर से मांग किया गया है। मैनपुर नगर के वरिष्ठ नागरिक रामकृष्ण ध्रुव, आलोख गुप्ता, धनेश्वर पटेल, विरेन्द्र श्रीवास्त, सोतन सेन, हरिश्वर पटेल, गुमान पटेल, खन्ना रामटेके, हिमांशु रामटेके, गिरिश नागेश, निखिल जगत, राहुल यादव, त्रिभुवन पटेल, योगेन्द्र सिन्हा सहित नगर के लोगो ने मांग किया है कि तत्काल मुक्तिधाम तक सड़क का निर्माण किया जाये। हैंडपंप खनन किया जाये और शेड निर्माण किया जाये।