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November 19, 2024

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पायलीखण्ड बेहराडीह हीरा खदानो की सुरक्षा में एक चौकीदार भी नहीं, हो रहा है चोरी छिपे अवैध उत्खनन

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  • हीरा खदानो के सीनो को तस्करों ने हजारों जगह से बड़े -बड़े गढ्ढे खोदकर छलनी कर डाला, सरकारी दोहन का इंतिजार
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रक्रिया तेज क्योकि हीरा खदानो से राज्य को मिलेगा करोड़ो अरबो का राजस्व
  • बेहराडीह-पायलीखण्ड हीरा खदान से लौटकर शेख हसन खान का रिपोर्ट

मैनपुर – गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर के अंतर्गत पायलीखंड एवं बेहराडीह के हीरा (डायमंड) खदानो का पता प्रशासन को लगभग 34 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य के जमाने मे लगा था तब से लेकर आज तक इलाके मे हीरा तस्करी का लम्बे समय से व्यापार चल रहा है। तब हीरा खदानो के मामले को संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री दिग्वीजय सिंह के निर्देश पर पायलीखण्ड एवं बेहराडीह जंगल पर हीरा मिलने वाले एक बड़े हिस्से को तार के बाड़ों से घेर कर सुरक्षित किए किया गया था। पायलीखंड के हीरा खदानो की सुरक्षा के लिए बी.एस.एफ की कंपनी तैनात किया गया था और खनिज विभाग ने बकायदा चैकीदार नियुक्त किया था मगर इसकी सुरक्षा पिछले कुछ वर्षो से भगवान भरोसे है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में वर्ष 2006-07 मे नक्सलियो के दबाव बढने के बीच जहां पायलीखंड हीरा खदान से बी.एस.एफ. कंपनियो को खदान की सुरक्षा से वापिस बुला लिया गया तो वही बेहराडीह हीरा खदान की सुरक्षा से वन विभाग ने हाथ खड़ा कर दिया तब से लेकर आज तक हीरा खदान की सुरक्षा पूरी तरह से भगवान के भरोसे है।

यहां उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र सीमावर्ती राजस्थान राज्य के व्यापारियो द्वारा आकर इस क्षेत्र से हीरा तस्करी कर ले जाते है और इसकी पुष्टि स्वयं पुलिस विभाग कर रही है पिछले 15 -16 वर्षो में गरियाबंद जिले के पुलिस ने पायलीखण्ड एवं बेहराडीह हीरा खदान से अवैध तस्करी के सैकड़ो मामले दर्ज किये है करोड़ो की हीरा बरामद तस्करो से करने में पुलिस को सफलता मिली है।

विश्व प्रसिध्द पायलीखण्ड हीरा खदान से सुरक्षा हटने के बाद से लगातार अवैध उत्खनन

तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 42 किमी दूर विश्व के प्रसिध्द हीरा खदान पायलीखण्ड एवं मैनपुर से 8 किमी दूर बेहराडीह हीरा खदान का मामला न्यायालय मे होने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 22 वर्षो बाद भी सरकारी दोहन शुरू नही हो पाया है समय समय पर इन हीरा खदानो मे अवैध खुदाई की खबर निकलकर सामने आती है खासकर बारिश के दिनो मे इन दोनो हीरा खदानो मे नदी नालो मे बाढ का फायदा उठाकर ओड़िसा महाराष्ट्र और राजस्थान के तस्करो द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन को अंजाम दिया जाता है जिसका प्रमाण हीरा खदान क्षेत्र मे देखा जा सकता है। हीरा खदान क्षेत्रो में तस्करों के द्वारा इस बेदर्दी के साथ अवैध खुदाई किया गया है कि जगह जगह 10 से 20 फीट गहरे कुएं जैसे सैकड़ो गड्डे हो गये है और तो और हीरा खदान की सुरक्षा के लिए निर्माण किये गये वर्षो पूर्व चौकीयों को भी हीरा के तलबगारो ने चारो तरफ से खोद डाला है। आज हीरा खदान का निरीक्षण किया गया जहां पायलीखण्ड एवं बेहराडीह दोनो ही स्थानो पर नये खुदाई के निशान मिले है जहां हीरा तस्करो द्वारा 10-10 फीट गहरे गढ्ढे सुरंगनुमा कर दिये गये है और खोदाई में उपयोग किये जाने वाले औजार गैती, रापा, सब्बल, टुकना भी वहां मिला।

आस्टेलिया के वैज्ञानिको ने एक दर्जन किम्बर लाईट पाईप होने की किया था पुष्टि

दो दशक पूर्व आस्ट्रेलिया से पहुंचे वैज्ञानिको ने इन हीरा खदानो में एक दर्जन से ज्यादा किम्बर लाईट पाईप होने की बात सर्वेक्षण के बाद बताई गई थी वैज्ञानिको के अनुसार किम्बर लाईट पाईप कई किमी लंबी होती है और इन पाईप में हीरा चिपका होता है आस्ट्रेलिया के बाद सबसे ज्यादा बहुमुल्य किमती रत्न होने का दावा पायलीखण्ड और बेहराडीह हीरा खदान मे किया गया था।

2006 में विधायक दल के साथ भुपेश बघेल ने किया था हीरा खदान का दौरा

मिली जानकारी के अनुसार सन् 2006-07 हीरा खदान से सुरक्षा हटाने के बाद पायलीखण्ड और बेहराडीह की हीरा खदानो पर जमकर अवैध खुदाई की खबरे छनकर राजधानी रायपुर तक पहुंची इस दौरान 11 अगस्त 2006 को तब के तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भुपेश बघेल के नेतृत्व मे विधायक मोहम्मद अकबर, राजकमल सिंघानिया, अग्नि चंद्राकर, परेश बागबाहरा एवं कुमार ओंकार शाह पांच सदस्यी विधायक दल इन हीरा खदानो पर पहुंचा था और हीरा खदान क्षेत्र के सुरक्षा के मुआयने के साथ -साथ पायलीखण्ड, जांगड़ा, कुर्रूभाठा, तौरेंगा, डुमरपडाव सहित हीरा जनित अनेक ग्राम के लोगो से विधायक दल ने मुलाकात कर उनके बुनियादी समस्याओं को जाना और समझा था और हीरा खदानो की सुरक्षा को लेकर राज्य के तत्कालीन भाजपा सरकार को घेरा था।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहल के बाद हीरा खदान की प्रक्रिया तेज

हीरा खदानो में 2001 से सर्वे की प्रक्रिया रूकी हुई है यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है एक बार फिर हीरा खदान क्षेत्र में हलचल देखने को मिल रही है इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केबिनेट की बैठक में राज्य के खनिज विभाग को हीरा खदान में कोर्ट से लगी रोक हटाने और खुदाई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिये है। खनिज विभाग के अफसरो के साथ विशेषज्ञो का मानना है कि हीरा खदान की सरकारी तौर से दोहन होने से राज्य को करोड़ो अरबो रूपयो का राजस्व मिलेगा और क्षेत्र के साथ प्रदेश का विकास होगा साथ ही इस क्षेत्र के बेरोजगारो को भी रोजगार मिलेगा।
हीरा खदानो में लगाये सुरक्षा तार के बाड़े और लोहे के गेट तक गायब
बेहराडीह पायलीखण्ड हीरा खदान क्षेत्र में एक बड़े भू-भाग को जहां हीरा खदान के रूप में चिन्हाकिंत है उन स्थानो को बड़े -बड़े लोहे के हजारो एंगल लगाकर लगभग दोनो खदानो में 20 से 25 हेक्टेयर जमीन को चारो तरफ से घेरा गया था और सामने लोहे गेट लगाये गये थे अब अवैध तस्करी करने वालो ने लोहे के पूरे एंगल के साथ गेट को भी उखाड़कर ले गये है।

मैनपुर क्षेत्रवासी भी सरकारी दोहन के इंतिजार में है

मैनपुर पायलीखण्ड बेहराडीह इस धरती के नीचे अपार खनिज संपदा भरा पड़ा है लेकिन इसके ऊपर निवास करने वाले लोग आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे है इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग किया है कि हीरा खदानो में लगे स्टे को हटाया जाये और सरकारी रूप से इसका दोहन किया जाये।

  • क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक

गरियाबंद जिले के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार हीरा खदान क्षेत्रो का गस्त किया जा रहा है और समय -समय पर अवैध उत्खनन पर कार्यवाही भी किया जा रहा है। उन्होने बताया पिछले 04 वर्षो में गरियाबंद पुलिस ने दो हजार नग से ऊपर हीरो की जप्ती किया है और सूचना पर तत्काल कार्यवाही किया जाता है और लगातार पुलिस द्वारा अवैध उत्खनन रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

अमित तुकाराम कांबले पुलिस अधीक्षक गरियाबंद