रेत घाट में छापा मारने पहुंची टीम पर थी हमले की साजिश
1 min readहथियार से लैस होकर रेतघाट में छिपे थे रेत माफिया /
मोहकम के अवैध रेत खदान को बंद करना प्रशासन के लिए चुनौती
शिखादास महासमुंद
ग्राम मोहकम में अवैध रेत खदान का मामला तुल पकड़ते जा रहा है। यहां अवैध रेत खदान में छापा मारने गई अधिकारियों की टीम पर हमले की साजिश थी लेकिन अधिकारियों के वापस लौटने के कारण किसी तरह की अनहोनी नहीं हो सकी। अलबत्ता अफसरों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद अब ग्रामीण सामने आ गए हैं। उनका आरोप है कि बेगुनाहों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बहरहाल मोहकम के अवैध रेत खदान को बंद कराना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार मोहकम में अवैध रेत खदान चल रहा है। इसकी सूचना मिलने के बाद राजधानी की टीम के साथ जिले के अधिकारी मौके पर पहुंचने का प्रयास किया। टीम ने रेत खदान में एक मशीन भी खड़ी देखी, लेकिन रेत माफिया के खौफ के मशीन की जब्ती करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। इधर भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि रेत खदान में दबिश की खबर मोहकम रेत खदान चलाने वाले माफियाओं को पहले से लग गई थी।
इसी वजह से अफसरों की टीम के सामने डंडे से लैस होकर पचास से साठ लोगों की भीड़ जमा हो गई थी और उन्हें कार्रवाई करने नहीं दिया। इधर रेत माफिया हमले का प्लान भी बना चुके थे। बताया जाता है कि एक रेत माफिया बकायदा एक रिवाल्वर लेकर घाट में आता-जाता है। अब रिवाल्वर लाइसेंसी है या नहीं इसकी जानकारी तो नहीं लेकिन बंदूक के डर से सभी भयभीत रहते हैं।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के वापस लौटने के कारण कोई अनहोनी घटना तो नहीं हुई लेकिन अब अधिकारियों द्वारा दर्ज रिपोर्ट को वापस लेने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। दिलचस्प बात तो यह है कि अवैध रेत खदान के पक्ष में कई लोग भी हैं जो यह दलील दे रहे हैं कि अवैध रेत खदान चलने से उनकी रोजी-रोटी चल रही है।
ऐसे में अब अवैध रेत खदान को बंद करना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
कानपुर की घटना से सहमे हैं अधिकारी
पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुई हृदयविदारक घटना से अफसर भी सहमे हैं। यहां छापा मारने पहुंची पुलिस की टीम पर गैंगस्टर के हमले से कई पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और कई घायल। कुछ इसी तरह का हाल मोहकम रेत खदान में भी बन गया था लिहाजा अफसरों की टीम ने वापस लौटने में ही अपनी भलाई समझी। पुलिस और जिला प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेकर पहले से उचित कार्रवाई करने की जरूरत है।