शोषण और अत्याचार से बचने के लिए अपने घरों में फूलन देवी का चित्र लगाएं : श्यामलाल
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“सारे बंधन तोड़ो, मोस्ट (बहुजन) समाज जोड़ो के उद्देश्य से मोस्ट सम्मेलन का आयोजन
सुलतानपुर। रविवार को प्रा.वि. अमिलिया बिसुई जयसिंहपुर में मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के तत्वाधान में “सारे बंधन तोड़ो, मोस्ट (बहुजन) समाज जोड़ो के उद्देश्य से बृजेश निषाद के नेतृत्व में मोस्ट सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक शयमलाल निषाद ने कहा कि राज्य के लिए सभी नागरिकों को सुरक्षा उपलब्ध कराना मुमकिन नही है इसलिए कदम-कदम पर शोषण-अत्याचार व अपमानित जीवन से मुक्ति पाने के लिए शोषितों-पीड़ितों को अपना आदर्श वीरांगना फूलन देवी को मानते हुए अपने घरों में चित्र लगाना चाहिए और संकट के समय अपने प्राइवेट डिफेंस में फूलन देवी का स्मरण कर अत्याचारियों से मुकाबला करना चाहिए। उपनिदेशक राजकुमार गौतम ने कहा कि मोस्ट समाज के अंदर बुद्धवादी स्वतंत्र सोच को विकसित करके ही आपस में जोड़ा जा सकता है इसके लिए हम सब को जाति-धर्म से ऊपर उठकर सोचना पड़ेगा, तभी एक दूसरे के बीच आपसी भाई-चारे की भावना का विकास सम्भव होगा।
सचिव रविकांत निषाद ने कहा कि अपने समाज की महान विभूतियों के स्मरण करने से समाज की एकता के साथ-साथ सामाजिक पहचान भी मजबूत होती है अपनी पहचान को मजबूत करने के लिए आगामी 10 अगस्त को तिकोनिया पार्क में बहन फूलन देवी की जयंती में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की। सह संयोजक नरेंद्र निषाद ने कहा कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों से छुटकरा पाने के लिए हमें स्वयं आगे आना होगा और हमें यह समझना होगा कि इस तरह के अंधविश्वास से मुक्ति कोई दूसरा नहीं दिलाने आएगा साथ ही हमें ऎसे दोहरे चरित्र वाले लोगों से भी सावधान होने की जरूरत है जो लोग दिखावे में तो बहुजन महापुरुषों को अपना आदर्श मानते है लेकिन अंदर-अंदर मनुवादी और सामंतवादी मानसिकता की गोद में खेलते हैं। मीडिया प्रभारी अनिल निषाद ने मोस्ट समाज मे आपसी भाई-चारा, समन्वय को बढ़ावा एवं अंध विश्वास के दल-दल से बाहर निकलने की अपील की। मोस्ट ब्लाक प्रमुख शिवराज निषाद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा सम्मेलन में आये सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर साजन निषाद, अमृतलाल निषाद (मोस्ट उप प्रमुख), मोस्ट के जिला सेक्रेटरी जयप्रकाश निषाद, अरुण निषाद, महेंद्र निषाद, पिंटू निषाद, नीरज निषाद, जितेंद्र निषाद, लालबहादुर निषाद, पिंटू निषाद (बभनगंवा), रमेश निषाद, अनिल निषाद, रमाकांत निषाद, अयोध्या निषाद, नन्हेलाल निषाद, राम अछैबर निषाद, बद्री प्रसाद निषाद, महादेव निषाद, हरिश्चन्द्र निषाद, सुजीत निषाद, लाल बहादुर निषाद सहित भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।