Recent Posts

December 27, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

15 सूत्रीय मांग को लेकर आदिवासी समाज ने घेरा गरियाबंद कलेक्ट्रेट

1 min read
  • रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर

गरियाबन्द– जिला मुख्यालय में आदिवासी समाज ने अपनी 15 सूत्री मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया वहीँ प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आदिवासी समाज ने जमकर तेवर दिखाए|घेराव के दौरान खबड़ा कलेक्टर को भगाना है|गरियाबंद को बचाना है जैसे नारे लगाए गए। पहले उन्होंने आदिवासी समाज भवन मजरकट्टा से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक 3 किलोमीटर लंबी रैली निकाली जिसमें सैकड़ो की संख्या में आदिवासी शामिल हुए शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए निकाली गई|इस रैली में प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष भारत दीवान जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम समाज, पी ए कश्यप सरपंच संघ अध्यक्ष मनीष ध्रुव नरेंद्र ध्रुव नीलकंठ ठाकुर यशवंत सोरी उमेदि कोर्राम, महेंद्र नेताम, भूपेंद्र नेताम वीरेंद्र ध्रुव इन्दर कोसल ठाकुर , के साथ कई वरिष्ठ जन शामिल रहे इस दौरान आदिवासी समाज के लोग अपनी मांगों पर अडिग नजर आए, राजिम के बी एम ओ पर और कड़ी कार्यवाही की मांग प्रमुखता से उठाई|वही गरियाबंद जिले में भी बस्तर की तरह स्थानीय स्तर पर तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की भर्ती करने की भी मांग उठाई गई।

सर्व आदिवासी समाज ने अपने आवेदन में लिखा है विगत 01 वर्ष से समाज नेअपनी विभिन्न मांगों के लिए जिलास्तर गरियाबंद में कई बार आवेदन दिया है, परन्तु यहां के पदस्थ अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही/जांच नहीं किया और ना ही मांग स्वीकृत किया जो निम्नलिखित है|- पाण्डुका क्षेत्र के सरकड़ा ग्राम में हमारे तीन आदिवासियों का बिजली करंट से मौत हो गया था, जिसे राजिम बी.एम.ओ. डॉ. की.के. हिरौदिया द्वारा हमारे आदिवासी मृतक परिवार व शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया व पोस्टमार्डम करने से साफ मना कर दिया गया| इस तरह की घटना का पुर्नरवृत्ति न हो इसलिए तत्काल स्वस्थ्य विभाग के बी. एम. ओ. को हटाकर निलंबन की कार्यवाही करने की कृपा करेंगे ।

गरियाबंद जिला को आदिवासी जिला घोषित किया जावें गरियाबंद जिला आदिवासी हित हेतु आदिवासी कलेक्टर की पदस्थापना किया जावें जिले के सभी वर्गों का समुचित विकास हो सकें ।शासन द्वारा स्वीकृत शिक्षक भर्ती व सभी शासकीय भर्ती अभियान में राज्य के विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों के योग्यता अनुसार अभियार्थियों को विभागीय आदेश के तहत सीधी भर्ती योजना का लाभ दिये जाने की कृपा करें।

वन अधिकार अधिनियम 2006 क्रमशः संशोधित आज पर्यान्त आदिवासी परम्परागत वन निवासियों के द्वारा नियमानुसार प्रथा में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक मान्यता हेतु कक्ष क्रावन/राजस्व। खसरा-रकबा/ क्षेत्रफल उल्लेखित दावा प्रस्तुत किये गये हैं, उपलब्ध कराए क्षेत्रफल की मान्यता और निरस्त किए दावा कि सच्चाई से अवगत होकर वेदखल करने की अभियान नियंत्रण की मांग करते है ।

ग्राम सढ़ौली में मावली माता की स्थापना लगभग 125वर्ष पहलें जिस स्थान पर स्थापना किया गया है वह वास्तव में श्री महेत्तरू राम की जमीन है ।अतः मांवली माता देव स्थल को स्थापित करने के लिए उनकें स्थान के बंगल में जो कि शासकीय भूमि को संरक्षित करने एवं गरियाबंद जिला के सभी देवस्थल को सुरक्षित किये जाने की कृपा करें। गरियाबंद नगर पालिका के तिरंगा चौक, महात्मागांधी जी के नाम से चौक एवं भूतेश्वर चौक को डॉ. भीमराव आम्बेडकर के नाम से व शारदा चौक को शहीद वीरनारायण के नाम से करने अनेक वार आवेदन किया गया है परन्तु आज तक ये नामकरण नही हो पाई है। अतः विचार कर चाही गई चौक कि जो नामकरण उसे करने की कृपा करें ।

गरियाबंद जिला में खाद्य विभाग द्वारा राशन कार्ड बहुत धीमी गति से बनाया जा रहा है जिससे हमारे दुर-दराज क्षेत्र के आदिवासी भाईयों, बहनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, आदिवासी क्षेत्र का राशन कार्ड जल्द से जल्द बनाये जाने की आदेश की कृपा करें । ग्रामीण महिला स्वस्थ्य कार्यकर्ता पूर्व में शासकीय सेवा पद में थे, बिना कोई गलती के निकाला गया है ।

आदिवासी युवती बेरोजगार हो गये है उन्हें वापस भर्ती किया जावें एवं आदिवासी पद संख्या बढ़ाने की कृपा करें ।जल संसाधन संभाग गरियाबंद में वर्षों से प्रस्तावित सोन नदी पोरेल बांध व कोनारी बांध बिन्द्रानवागढ़ नहरनाली विस्तार सिंचाई सुविधा हेतु लंबित सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासनिक तकनीकी प्रदान कर विभागीय उचित कार्यवाही कराई जावें ।

अपने आवेदन पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है जनपद पंचायत गरियाबंद, छुरा सी.ई.ओ. द्वारा सभी आदिवासी सरपंचों से काम के एवज में अत्याधिक पैसा का मांग करते है जिसे संबंधित सरपंच असमंजस की स्थिति में हैं।

उक्त सी.ई.ओ. मुख्यालय में नही रहते है सप्ताह में सिर्फ एक दिन अपनी मर्जी से आते है किसी भी सरपंच का फोन नही उठाते जिससे निर्माण कार्य प्रभावित होता है।अतः छुरा, गरियाबंद के सी.ई.ओ. शीघ्र स्थान्तरित करने की कृपा करें। आदिम जाति विभाग द्वारा संचालित बालक,विद्यालय है जिसमें महिला व पुरूष अधीक्षक। अधिक्षिका होना चाहिए था लेकिन संबंधित विभाग द्वारा प्रदीप जाटवर को बालक, बालिका दोनों का अधीक्षक रखा गया है जिसे हटाकर उचित कार्यवाही किया जायें ।

अनुसूचित क्षेत्र के गौन खनिज को उत्खन्न व उपयोग हेतु ग्राम सभा व ग्राम पंचायत को अधिकार दिये जाने की कृपा करें । पूर्व संरपचों का मानदेय जारी किया जावें एवं किसी भी सरपंच का रिकवरी में व्याज ना जोड़ा जावें ।वन अधिकार अधिनियम 2006 क्रमशः संशोधित आज पर्यान्त आदिवासी परम्परागत वन निवासियों के द्वारा नियमानुसार प्रथा में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक मान्यता हेतु कक्ष क्रावन/राजस्व/ खसरा-रकबा/ क्षेत्रफल उल्लेखित दावा प्रस्तुत किये गये हैं, उपलब्ध कराए क्षेत्रफल की मान्यता और निरस्त किए दावा कि सच्चाई से अवगत होकर वेदखल करने की अभियान नियंत्रण की मांग करते है ।

ग्राम सढ़ौली में मावली माता की स्थापना लगभग 125वर्ष पहलें जिस स्थान पर स्थापना किया गया है वह वास्तव में श्री महेत्तरू राम की जमीन है ।अतः मांवली माता देव स्थल को स्थापित करने के लिए उनकें स्थान के बंगल में जो कि शासकीय भूमि को संरक्षित करने एवं गरियाबंद जिला के सभी देवस्थल को सुरक्षित किये जाने की कृपा करें। शिवकुमार ध्रुव, ग्राम कोकड़ी ने कलेक्टर महोदय एवं अनुविभागीय अधिकारी व तहसीलदार को विगत 01 वर्ष से आवेदन दिये हो गये है परंतु आज तक उनकी जमीन को वापस नहीं दिलाई गई है । अतः 170(ख) के तहत खसरा नंबर-491/1, 733/1 ग्राम कोकड़ी एवं मजरकट्टा के खसरा नंबर-32, 373, 375, 434, 456, 935 के वापस दिलाने जाने एवं समस्त आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासी जो खरीदा है उन्हें भी वापस दिलाने की कृपा करेंगे । बस्तर के तर्ज पर गरियाबंद जिला में भी तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की भर्ती स्थानीय स्तर पर हो|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *