मैनपुर क्षेत्र में देवउठनी पर गन्ने का मंडप सजा रचाया तुलसी विवाह
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- देवउठनी एकादशी पर्व घर -घर पूजा अर्चना छोटी दीवाली में जमकर फूटे पटाखे
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। देवउठनी एकादशी पर्व तुलसी पूजा आज गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाई जा रही है । लोगो ने अपने घरो में गन्ने का मंडप बनाकर भगवान सालिकराम के साथ तुलसी जी का विवाह किया गया । वहीं पूजा अर्चना के पश्चात् माता तुलसी को कई प्रकार के भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया इसी के साथ ही आज से मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह प्रारंभ हो जायेगे। देव उठनी पर्व मे क्षेत्र मे लोगो ने अपने अपने कुल देवता व देवी की पूजा अर्चना करते हुए चावल आटे से बने दिपक जलाकर सुख शांति समृध्दि की कामना किया । शाम से चारो तरफ पटाखे की आवाज सुनाई देती रही। रंग-बिरंगी आतिशबाजी से पूरा आसमान जगमगाने लगा । देवउठनी का पर्व मैनपुर नगर सहित पूरे विकासखण्ड क्षेत्र में आस्था एवं उल्लास के साथ मनाया गया।
कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाया जाने वाला देवउठनी का पर्व पूरे क्षेत्र में श्रद्धा भक्ति व उत्साह के साथ मनाया गया। दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित योगेश शर्मा ने बताया कि देवशयनी एकादशी के उपरांत देवउठनी एकादशी तक मांगलिक कार्यक्रम पर रोक रहती है । पुराणों के अनुसार इस अवधि में भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान निद्रा से जागते हैं और शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं । इस दिन गन्ने का मंडप बनाकर विधि विधान से भगवान विष्णु और तुलसी माता का विधि पूर्वक विवाह संपन्न कराया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी की विधि पुर्वक विवाह पूजन करने से वर्ष भर मंगल होते रहता है सुख शांति समृद्धि आती है । वह भगवान विष्णु माता तुलसी की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।