Recent Posts

December 25, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 28 सितंबर को किसान महा पंचायत की तैयारी अंतिम चरण की ओर है

1 min read
  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव

गरियाबंद -प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आयोजक कमेटी के संयोजक तेजराम विद्रोही ने बताया कि 28 सितंबर 2021/भगत सिंह की 125 वीं जयंती और छत्तीसगढ़ के महान मजदूर नेता कॉमरेड शंकर गुहा नियोगी की 31वीं शहादत दिवस के अवसर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 28 सितम्बर 2021 दिन मंगलवार को सुबह 11.00 बजे कृषि उपज मंडी प्रांगण राजिम जिला गरियाबंद में एक दिवसीय राज्य स्तरीय किसान महापंचायत का आंदोलन किया जा रहा है। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में संयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत, डॉ. दर्शनपाल सिंह, योगेन्द्र यादव, मेधा पाटकर और डॉ. सुनीलम आ रहे हैं। जिसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल होने की संभावना है ।

केंद्र सरकार द्वारा कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने और सभी कृषि उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर 26 नवम्बर 2020 से किसानों का आन्दोलन दिल्ली सीमाओं पर जारी है जिसमें 650 से अधिक किसानों ने अपनी प्राणों की आहुति दिया है।

तेजराम ने कहा कि गेंहू या मक्का के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जरुर निर्धारित होती है लेकिन खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं होने से खुले बाजार पर निर्भर हैं जहां सही दाम नहीं मिलता है। नये कानून में सरकार यह बात कह रही है कि किसान अपनी उपज को कहीं भी किसी भी व्यापारी को अपने मनचाहे दाम पर बेच सकता है लेकिन इसके लिए कोई कानूनी गारंटी नहीं देता है कि स्वामीनाथन आयोग के सिफारिशों के अनूरुप उपज का लागत से डेढ़ गुणा अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होगा और मंडी के भीतर या बाहर कहीं पर भी तय मूल्य से कम में खरीदी होने पर कानूनी कार्यवाही होगी।

विद्रोही जी ने बताया कि किसान और खेती को बचाने के लिए उनके उपज का लाभकारी दाम मिलना जरुरी है। वही केन्द्र सरकार। सभी सार्वजनिक उपक्रमों जैसे रेलवे, बैंक बीमा, आदि का निजीकरण ठेकाकरण कर बेच रही है जिससे युवाओं के सामने सुरक्षित रोजगार का विकल्प समाप्त होते जा रही है । इस प्रकार सरकार की जनविरोधी नीतियों के माध्यम से किसान व मेहनतकश परिवार के युवाओं के सामने सुरक्षित रोजगार व आजीविका का संकट पैदा किया जा रहा है। यह किसान महापंचायत छत्तीसगढ़ केकिसान आंदोलन में एक नया इतिहास रचेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *