यूपीएसएसएससी की प्रतियोगात्मक परीक्षा के परिणाम उठा सवाल, क्यों किया गया निरस्त ? लौटनराम निषाद
1 min read- फारेस्ट रेंजर के 49 पदों में ओबीसी को 2 व एससी को 0 पद ही क्यों, आरक्षण नियमावली से छेड़छाड़ क्यों?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सेवा आयोग ने 2 पद सहायक वन संरक्षक व 49 पद फॉरेस्ट रेंजर के 2018 में विज्ञापित किये थे।जिसकी चयन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।लेकिन आरक्षण नियमावली से छेड़छाड़ कर ओबीसी,एससी की हकमारी की गई है।समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने उक्त भर्ती प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि 49 फारेस्ट रेंजर के विज्ञापित पदों में आरक्षण नियमावली के तहत 13/14 पद ओबीसी,10 पद एससी व 1 पद एसटी,5 पद ईडब्लूएस को मिलना चाहिए।परन्तु एससी के हिस्से 0 व ओबीसी का चयन मात्र 2 पद पर ही हुआ।उन्होंने बताया कि ओबीसी का 1 वीडब्लूएस के 8 प्रतियोगी अनारक्षित में चयनित हुए हैं।सहायक वन संरक्षक के 1-1 पद पर राजपूत व ब्राह्मण का चयन हुआ है।
निषाद बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापन सँख्या-02-परीक्षा/2018 के क्रम में 22 व 23 दिसम्बर,2018 को ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी (स.क.)व समाज कल्याण पर्यवेक्षक(सामान्य चयन) के 1953 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न हुई थी। 1953 पदों के लिए यूपी में 2018 में प्रतियोगी परीक्षा हुई,2019 में रिजल्ट आया।10 महीने भर्ती लटकाई रखी गयी।अब रद्द कर दी गयी है।पत्र संख्या-38/09/परीक्षा-1(तीन)/2018/2021 दिनांक-24 मार्च,2021 के द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ग्राम विकास अधिकारी,ग्राम पंचायत अधिकारी व समाज कल्याण पर्यवेक्षक पद की भर्ती प्रक्रिया चयन के बाद निरस्त क्यों की गई है? निषाद ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल मे हुई भर्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए योगी सरकार ने जांच बैठाया,पर अभी तक उसे कोई खामी नहीं मिली।अपने ही कार्यकाल के विज्ञापित पदों की भर्ती प्रक्रिया को चयन के बाद निरस्त किया जाना युवा बेरोजगारों के साथ क्रूर मजाक है।योगी सरकार व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष व परीक्षा नियंत्रक को भर्ती निरस्त करने का स्पष्ट जवाब देना होगा।