विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार से पूछा- ड्रग्स का कारोबार प्रतिबंधित तो NCB अभी तक अनजान कैसे रही
1 min read- कोरोना संक्रमण की असफलता से जनता का ध्यान बांटने चर्चित फिल्मी हस्तियों के चेहरों को ढाल बना कर एक गंदा खेल खेला जा रहा
रायपुर। शासन में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय आज एक वर्चुअल प्रेस-वार्ता कर बॉलीवुड में ड्रग्स को लेकर चल रहे NCB जाँच पर सवाल उठाया है और केन्द्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि देश हित से जुड़े ज्वलंतशील मुद्दों चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा, कृषी बिल को लेकर देश भर में हो रहे विरोध, आर्थिक मंदी के बुरे दौर से गुजर रहे देश की हालत, पिछले 5 महीने में बेतहाशा बेरोजगारी में बढ़ोतरी और कोरोना संक्रमण की असफलता से जनता का ध्यान बांटने चर्चित फिल्मी हस्तियों के चेहरों को ढाल बना कर एक गंदा खेल खेला जा रहा है। कुछ चिन्हित चेहरों को बदनाम करने तो किसी को महिमामंडित कर लगातार एक लम्बा एपिसोड चलाया जा रहा है। उन्होंने मोदी सरकार से पूछा है कि ड्रग्स का कारोबार प्रतिबंधित है तो NCB अभी तक इससे अनजान कैसे रही। क्या फिल्मी हस्तियों के चैट के अलावे उसके पास अभी तक और कोई सुराग थी ही नहीं क्या?
विकास उपाध्याय आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे और पिछले कई दिनों से बॉलीवुड में चर्चित चेहरों से जुड़े ड्रग्स कनेक्शन को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विकास उपाध्याय ने कहा मोदी सरकार की विदेश नीति से लेकर देश हित से जुड़े सभी निर्णय लगातार असफल साबित होते दिख रहे हैं। केन्द्र की गलत नीतियों के चलते भारत का हर नागरिक अपने आप को असुरक्षित व चिंताग्रस्त महसूस कर रहा है। मोदी सरकार समूचे भारत वर्ष को अंधेरे में रख देश को गंभीर खतरे की ओर ले जा रही है। जिसका अंदेशा ऐसा नहीं कि देश के लोगों को नहीं है। इसके बाद भी सरकार के रणनीति में कोई सुधार नहीं आ रहा है।
विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार की दोगली नीति को उजागर करते हुए कहा जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर है। ऐसे समय में मोदी सरकार उसी चीन से कर्ज ले रही है। उन्होंने बताया इस बीच एशियन इन्फ़्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक से दो कर्ज के करार किए गए पहला कर्ज 8 मई 2020 को 50 करोड़ डॉलर का लिया गया। विकास ने कहा तब हद हो गई जब दूसरा करार 19 जून को किया गया। पूरी दुनियां देख रही है पूर्वी लद्दाख़ की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प में 20 भारतीय जवान मारे गए थे और मोदी सरकार लाशों के बीच बेशर्म हो कर चीन से कर्ज ले रही थी। विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार के लिखित कबूलनामे के आधार पर कर्ज की रकम का ब्योरा देते हुए बताया मोदी सरकार ने कुल 125 करोड़ डॉलर का करार किया जो भारतीय रुपये में 9200 करोड़ से अधिक की रकम बनती है। इसमें केन्द्र को अभी तक 100 करोड़ डॉलर मिले हैं यानी की मोदी सरकार लगभग 7300 करोड़ चीन से ले चुकी है। जिससे देश की जनता अनजान है।
- विकास उपाध्याय पूरे प्रेस वार्ता में नरेन्द्र मोदी सरकार पर एक के बाद एक आरोप लगातार लगाते रहे और तंज कसते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के टी वी चैनलों में सिर्फ अपना फिल्म चलाना चाहते हैं,इसलिए एक योजनाबद्व तरीके से फिल्म इंडस्ट्री को खत्म कर रहे हैं। मोदी को मालूम है जिन फिल्मी हस्तियों के चेहरों को अपने नाकामियों को छुपाने ढाल बनाया जा रहा है वे मोदी से भी ज्यादा पापुलर हैं और उनके फॉलोवर करोड़ों में हैं खास कर युवा पीढ़ी जो आज कल इन्हीं समाचारों में गुम हैं, जिसे मोदी की टीम दिखा रही है। उन्होंने कहा आज देश में वो स्थिति है जब देश की सुरक्षा खतरे में है। कभी भी चीन के साथ युद्ध की स्थिति बन सकती है। पूरे भारत को इस सरकार ने आर्थिक मंदी की वो स्थिति में ला कर खड़ा कर दिया जो आज तक इतिहास में नहीं हुआ। जहां GDP -23% में पहुँच गई है। आज देश भर के करोड़ों युवा बेरोजगार हो गए हैं। कोरोना संक्रमण से सम्पूर्ण देश में अफरातफरी मची हुई है। लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। बावजूद इस विपरीत समय का भी यह सरकार फायदा उठाने नहीं चुकी और सदन में बगैर चर्चा किये अपने बहुमत होने का लाभ उठाते हुए किसानों के विरुद्ध विनाशकारी विधेयक ले आई जिसे लेकर पूरे देश में किसान आंदोलन पर हैं। किसान अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
विकास उपाध्याय ने कहा यही वो मुद्दे हैं, जिससे मोदी देश की जनता का ध्यान बाँटना चाहती है और फिल्म नगरी से अच्छा कोई दूसरा हो नहीं सकता। उन्होंने कहा जब भारत में ड्रग्स प्रतिबंधित है तो मोदी की NCB अभी तक क्या कर रही थी? क्या उसे इन फिल्मी कलाकारों के चैट का इंतजार था। उसके पास अब तक और कोई सुराग नहीं था या फिर “ड्रग्स मुक्त भारत” मान कर चल रही थी। विकास उपाध्याय ने कहा मोदी समय को अवसर में बदल कर देश की जनता के साथ धोखा कर रहे हैं। वरना देश की जनता आज भी यह नहीं भूली है कि पुलवामा के आरोपी को कोर्ट ने जमानत इसलिए दे दी थी क्योंकि मामले की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) तय समय पर आरोपपत्र दाख़िल नहीं कर पाई थी।
विकास उपाध्याय ने कहा अब व्हाट्सएप के उस दावे की भी सरेआम धज्जियां उड़ रही है, जिसमें वह कहता रहा है कि उसके किसी भी यूजर के संदेश को कोई पढ़ ही नहीं सकता, खुद व्हाट्सएप भी नहीं। यानी व्हाट्सएप पर दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत पूरी तरह से गोपनीय होने का दावा खोखला साबित हो चुका है। ऐसे में तो केन्द्र सरकार अपने विरोधियों की एक एक बात को रिकॉर्ड कर रही होगी,जो निजी स्वतंत्रता पर हमला है।