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December 26, 2024

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विकास उपाध्याय ने रामसागर पारा में पोरा पर्व की शुरुआत की, बैलों की दौड़ देखने पहुंचे हजारों

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  • विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक त्योहार पोरा पर्व की रामसागर पारा से इस वर्ष फिर से की शुरुआत
  • छत्तीसगढ़ की संस्कृति पोरा पर्व प्रदेश के समस्त किसानों के उन्नति और समृद्धि का परिचायक : विकास उपाध्याय

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में काँग्रेस की भपेश बघेल सरकार जब से बनी है छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों को बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में संसदीय सचिव, रायपुर पश्चिम विधानसभा विधायक विकास उपाध्याय ने गुरुवार को रामसागर पारा में ऐतिहासिक पोरा पर्व की शुरुआत की। रामसागर पारा मेन रोड में मंच लगा कर बैला दौड़ कराया जिसमें समस्त बैल जोड़ों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। सम्मान राशि के रूप में सर्वश्रेष्ठ बैल जोड़ों को 7100/- एवं प्रथम बैल जोड़ें को 5100/- द्वितीय बैल जोड़े को 3100/- एवं अन्य सभी बैल जोड़ों को प्रोत्साहन राशि स्वरूप 2100/-का उपहार राशि देकर और प्रशस्ति पत्र देकर सभी बैल जोड़ों के मालिकों के उत्साह वर्धन किया । बैलों के जोड़ों की विधि विधान से पूजा अर्चना कर बैल दौड़ की शुरुवात हुई जिसमें हजारों की संख्या में क्षेत्र की जनता ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

आज के पर्व की खास बात ये रही की रायपुर के अलग अलग क्षेत्रों से आये बैल जोड़े आकर्षण का केंद्र रहे। बैलों के दौड़ से आम जनता में उत्साह का माहौल देखने को मिला। उन्होंने कहा कि पोरा पर्व छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक पर्व है। यह त्यौहार किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए विशेष महत्व रखता है। ‘पोरा पर्व’ त्योहार कृषि के अमूल्य योगदान के लिए संपूर्ण गोजातीय वंश के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में बैलों की पूजा की जाती है। बता दें कि भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह पोरा त्योहार, खरीफ फसल के द्वितीय चरण का कार्य (निंदाई गुड़ाई) पूरा हो जाने में मानते हैं। बता दे यह पर्व किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए विशेष महत्व रखता है। उक्त महोत्सव को सफल बनाने में अखण्ड राम नाम सप्ताह समिति एवं भैंसथान संघर्ष समिति के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उक्त कार्यक्रम में पोतूराम साहू, श्यामरतन साहू, मंगलराम साहू, मुरारीलाल शर्मा, माधो साहू, अशोक खंडेलवाल, सीतराम खंडेलवाल, प्रहलाद मिश्रा, नरेश शर्मा, मानसिंग साहू, होरीलाल साहू, प्रहुपराम साहू, हनुमंत साहू, अल्लू भैय्या, राधेश्याम शर्मा, श्यामू यादव, सियाराम अग्रवाल, गोपाल शर्मा, गज्जू निषाद, प्रदीप साहू, टूमीन साहू, सौरभ साहू, विजय निषाद, ऋषि साहू, आदित्य शर्मा, अमित शर्मा लल्लू, मनोज शर्मा, पुरुषोत्तम साहू, भरत साहू, गोलू खंडेलवाल, संदीप नकोड़े, बसंत तिवारी, जीतू शर्मा, कामत साहू, छोटू साहू, मयंक यादव, मनीष यादव, सोहन साहू, मनीष साहू, रानू दुबे, ललित, दीपक साहू, रवि शर्मा, प्रहलाद अग्रवाल, मोहन साहू, सूर्यमणी मिश्रा, मुकेश पारेख, प्रीत राम साहू, आनंद राम साहू, नन्हे लाल साहू, नन्दू साहू, फागू साहू, विक्की अग्रवाल, राजेश बघेल, पप्पू दिनेश सेन, राकेश शर्मा, वोरा जी, मनोज अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, जीतू राठौर, अखिल अग्रवाल, मानिक निषाद, शैलेन्द्र निषाद सहित काफी संख्या में आमजन भी सम्मिलित हुये।