डांस ओड़िशा डांस का खिताब शहर के कलाकारों का ग्रुप विलैंस आफ द क्रू ने जीता
प्रशिक्षण मास्टर राकेश कुमार बेहेरा के द क्रू डांस स्टूडियो ने कला प्रतिभाओं का तराशा
राउरकेला। जी सार्थक चैनल द्वारा आयोजित ओडिशा का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित डांस कम्पटीशन डांस ओडिशा डांस सीजंस 2 के ग्रुप डांस वर्ग में राउरकेला के सात बच्चो का ग्रुप विलैंस आॅफ द क्रू ने जीत दर्ज कर राउरकेला का परचम लहराया। इस प्रतियोगिता में विलैंस आॅफ द क्रू की तरफ से सेवा भावी युवा कारोबारी बबल गोयल के पुत्र व नवोजित कलाकार यश गोयल , नमन मित्तल , युवराज तांती , विशाल कुमार काशी , अश्मीत कौर , स्मृति राजगोपाल , तनिषा साहू, बंधना ने प्रतियोगिता में भाग लिया।यश गोयल एवं उनके साथियों द्वारा राउरकेला , ओडिशा एवं अन्य प्रान्तों में कई जगह अपनी नृत्य कला का परचम लहरा कर अनेक पुरस्कार हासिल किये है, इस में नृत्य गुरु राकेश बेहरा का इन्हें प्रशिक्षण देने में अहम योगदान रहा।
डांस ओडिशा डांस सीजंस 2 में विजेता बनना उन सभी के लिए एवं राउरकेला शहर के लिए गौरव की बात है ।इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में मास्टर हरिहर , मास्टर अनुपम , मास्टर राजस्मिता थे। इन बच्चो तक का सफर बहुत ही संघर्ष और कठिनाइयों से भरा था। इस दौरान इन बच्चो के धैर्य, आत्मबल , उर्जा , विश्वास , कुशलता और तकनीक की परीक्षा थी जिसे इन्होने अपने मजबूत इरादों और जोश से पार पा लिया। किसी ने सच ही कहा है नो पैन नो गेन।े इनकी लम्बी यात्रा में ऐसे कई क्षण आये जब इन्हें लगा की सब खतम हो चूका है पर हर बार एक आशा की किरण कही मिल जाती थी और बच्चे फिर खुद को मोटीवेट और प्रेरित कर आगे बढ़ते े सारी तकलीफ , संघर्ष , चोट , बिमारी को झेलते हुए आंखिर ओडिशा के सरताज डांस ग्रुप का खिताब इन बच्चो ने अपने नाम किया।इस दौरान इन्हें अपनी पढाई से भी समझौता करना पड़ा पर अंत में आज इनके स्कूल और परिवार वाले सभो को इन बच्चो पर नाज है। इन बच्चो को डांस का प्रशिक्षण मास्टर राकेश कुमार बेहेरा , द क्रू डांस स्टूडियो , राउरकेला द्वारा दिया गया।डांस प्रतियोगिता के इस लम्बे सफर ने न सिर्फ इन्हें नृत्य कला की अनेक नयी बारीकियो में पारंगत किया , बल्कि इसके अलावा इन्हें जीवन के अनेक महत्वपूर्ण पाठ भी पढ़ा गई े इस दौरान इन्होने स्नेह , प्यार , धैर्य , व्यक्तित्व विकास , विनम्रता ले साथ साथ ये भी सिखा की प्रतिकूल परिस्थितियों में हार नहीं मानना चाचिए और अपना सर्वश्रेष्ठ 100 प्रतिशत देना चाहिए।इन बच्चो के इतने गौरवमयी प्रदर्शन की समाज के हर तबके ने प्रशंशा की एवं इसी तरह और आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा और आशीर्वाद दिया।