नरवा विकास योजना अंतर्गत 37 नालों पर 5 करोड 40 की लागत से होगा जल संरक्षण कार्य
1 min read- वनमंडल गरियाबंद द्वारा धवलपुर वन परिक्षेत्र के मिलकुआ नाला में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
मैनपुर – छत्तीसगढ़ शासन के महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाडी योजना अंतर्गत नरवा विकास योजना के लिए गरियाबंद वनमंडल के द्वारा आज क्षेत्र के बकायदा नदी नालो में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में वन विभाग के कर्मचारियों को नरवा, विकास योजना अंतर्गत विभिन्न सरंचानाओं को बनाने प्रशिक्षण दिया गया, नरवा विकास योजना का मुख्य उददेश्य जल ग्रहण क्षेत्र में भूजल स्तर को बढाना, मिटटी का कटाव रोकना, नाले पर मिटटी के भराव को रोकना है। गरियाबंद वनमंडल में 2020 और 21 में कैम्पा मद अंतर्गत कुल 11 जल ग्रहण वाटर सेड के विकास कार्य के लिए 47 नालों पर पांच करोड 40 लाख की लागत से कार्य कराया जाना है। नालों का कुल जल संग्रहण क्षेत्र 13259.000 हे. है। सभी नालों के अंतर्गत रिज टॅू वेल्ल के सिध्दांत अनुसार ब्रशवुड चेकडेम, लुज बोल्डर चेकडेम, बोल्डर चेकडेम, कन्टुर टेच गेबियन आदि संरचना का निर्माण तथा डाइक एंव स्टापडेम जैसे संरचनाओं सहित कुल 58984 संरचनाओं का निर्माण किया जाना है।
विभाग द्वारा छोटी संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। ज्ञात हो कि, विगत 2019-20 में कैम्प मद अंतर्गत कुल 05 जल संग्रहण क्षेत्र के 24 नालाओ जिसमे कुल जल संग्रहण के 3555.000 हे. का उपचार किया गया है जिसके लिए अभी तक कुल 2635 संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
आज सोमवार को तहसील मुख्यालय मैनपुर से 15 किलोमीटर दुर धवलपुर वन परिक्षेत्र के मिलकुआ नाला में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था प्रशिक्षण कार्यक्रम में वनमंडलाधिकारी गरियाबंद मंयक अग्रवाल, उपवनमंडलाधिकारी गरियाबंद मनोज चन्द्राकर, संलग्न अधिकारी जसवीर सिंह मरावी, वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर अनिल कुमार साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी धवलपुर राजेन्द्र सोरी, वन परिक्षेत्र अधिकारी नवागढ तुलाराम सिन्हा व वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी बडी़ संख्या में उपस्थित थे ।
वनमंडलाधिकारी गरियाबंद मंयक अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ शासन के काफी महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाडी योजना अंतर्गत गरियाबंद वनमंडल क्षेत्र के नदी नालोें में जल संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है, जिसका प्रशिक्षण कार्यक्रम आज आयोजित किया गया था, इस योजना का लाभ बेहतर ढंग से लोगो को मिले इसलिए प्रशिक्षण में जानकारी दी गई है।