माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर लायंस क्लब बिलासपुर 3233C सी द्वारा किया गया वेबिनार का आयोजन
1 min readबिलासपुर:इसी क्रम में माहवारी स्वच्छता दिवस पर इससे जुड़े विषयों पर चर्चा करने के लिए विशेष वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से कार्यक्रम का संचालन लायन डॉ रश्मि जितपुरे जी द्वारा किया गया इस अवसर जोन चेयरपर्सन डॉ शकुंतला जी ने बताया कि वेबिनार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपने पर्सनल हाइजीन के बारे में जागरूक करना है और जानकारी के अभाव में होने वाली बीमारियों से बचाना है। रीजन चेयरपर्सन ला.आशीष अग्रवाल जी ने बताया कि महिलाएं महावारी स्वच्छता के विषय में बात करने से कतराती हैंl कैसे हम उन्हें एक जागरूकता प्रदान किया जानकारी प्राप्त करें ।
इस उद्देश्य से इस वेबिनार का आयोजन और इस बारे में जानकारी दी कि 28 मई को ही क्यों मनाया जाता है इस विषय में भी उन्होंने बताया की 5 रेड डॉट्स मासिक धर्म के महावारी के चक्र को प्रदर्शित करते हैं हमारी अतिथि वक्ता लॉयन डॉक्टर राजेश्वरी ने बताया कि जानकारी के अभाव में हम पैड को सही तरीके से डिस्पोज नहीं कर पाते उन्होंने बताया कि हमें किस तरह से इस्तेमाल करना चाहिए और किस तरह से समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।
हमारी मुख्य वक्ता डॉ मीना आर्मो ने बताया कि कैसे किशोरी अवस्था कब से शुरू होता है और किस तरह से हमें पूरे अपनी किशोरावस्था में क्या-क्या चीजें ले लेना चाहिए किस तरह से सावधानियां रखनी चाहिए और साथ ही साथ हमें जो हमारे शुरू होने जानकारी देने के लिए कहा मासिक धर्म सामान्य तौर पर 10 से 12 साल में शुरू हो जाता है इसलिए पुनः प्रारंभ से यदि हमें उचित शिक्षा बच्चों को दी जाए तो उन्हें विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा साथ ही साथ उन्होंने आहार किस तरह से करना चाहिए साथ ही साथ इस तरह से हमें किससे संपर्क करना चाहिए।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर निर्वाचित मीता अग्रवाल जी ने बताया कि यह बहुत ही अच्छा अवसर है जिसमे हमे अच्छी जानकारी प्रदान की गई जो अभी और भविष्य में इस तरह का आयोजन किया जाना चाहिये हम सभी के प्रयास से हम महिलाओं को होने वाली परेशानियों से बचा सकते है ।
डॉ रश्मि जितपुरे जी ने कहा कि माहवारी किसी भी महिला के जीवन से जुड़ी एक सामान्य और प्राकृतिक प्रकिया है। बस ज़रूरत है इस विषय पर लोगों को शिक्षित व जागरुक करने की, जोकि इनके आभाव में हम जाने-अनजाने गलत निर्णय लेते हैं, लापरवाही बरतते हैं और फलतः भविष्य में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
माहवारी शारीरिक तौर पर महिलाओं के जीवन से संबंधित विषय है, पर सामाजिक तौर पर हमें इन विषयों पर हर वर्ग को जागरूक करना होगा। न केवल महिलाओं व किशोरियों को अपितु पुरुषों व किशोरावस्था वाले युवकों को भी माहवारी संबंधित विषयों पर शिक्षा देनी चाहिए। उन्हें इस दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों व महिलाओं की समस्याओं के बारे में बताना जरुरी है ताकि हम अपनी बेटियों के लिए एक सकारात्मक सामजिक व्यवस्था का निर्माण कर सकें।
मानसिक स्वास्थ्य व पुरुषों की भूमिका
माहवारी महिलाओं में उम्र के साथ होने वाले शारीरिक बदलाव और उनके परिपक्व होने का सूचक है। पर अगर हम इस विषय को लेकर उनका अपमान, उनके साथ भेद या उन्हें उनके सामान्य जीवन से जीने के अधिकार से वंचित करने का प्रयास करते है तो हो सकता है कि ये उनके मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डाले, जो कि उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
आशिष अग्रवाल जी ने कहा कि ऐसी स्थिति में पुरुषों की भूमिका भी जरूरी है अगर आप एक पिता हैं तो अपनी बेटी से बात करें उन्हें बताएं कि आप उनके साथ हैं। अगर आप एक भाई है तो अपनी बहन की समस्याओं को समझें उनका मनोबल बढ़ाएं, और एक पति हैं तो अपनी पत्नी की उचित देखभाल करें।
मंच संचालन डॉ रश्मि जी द्वारा किया गया अतिथियों का जीवन परिचय ट्विंकल आडवाणी व प्रकृति शर्मा द्वारा पढ़ा गया इस सेमिनार में मुख्य रूप से सुधा मारदा, संध्या दीक्षित, डॉगायत्री शीला बघेल, डॉक्टर आरती गायकवाड ,अरविंद पांडे, जी रीता राजगीर जी ,स्वाति जी संख्या में बड़ी संख्या में लायंस जुड़े।