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December 13, 2025

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महिला एवं बाल विकास विभाग मैनपुर के पास स्वयं भवन नहीं, किराये के एक कमरे में संचालित हो रहा कार्यालय 

  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • टोटल 348 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 118 केन्द्रों के पास भवन नहीं, कहीं झोपड़ी में तो कहीं जर्जर मकानों में नवनिहालों के जान खतरे में
  • 10 वर्षो से दर्जनों आगंनबाड़ी भवन निर्माण कार्य अधूरा, 5 आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता ही नहीं 

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग समस्याओं से जकड़ा हुआ है।  तहसील मुख्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यालय किराये के एक कमरे में संचालित किया जा रहा है। इस विभाग के अन्तर्गत 348 आंगनबाड़ी केन्द्र की व्यवस्था सम्भालने की जिम्मेदारी है लेकिन स्वयं कार्यालय के पास भवन नहीं है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की बैठक आयोजित करना होता है तो विभाग को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन विभाग के जिम्मेदार अफसरो ने कभी इस समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जिसके कारण शासन से जो योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए नहीं मिल पा रहा है। कार्यालय भवन के अभाव में और एक कमरे में कार्यालय संचालित होने के कारण आंगनबाड़ी कार्याकर्ताओं को कार्यालय के बाहर जमीन में बैठकर प्रशिक्षण व अन्य कार्यक्रम करना पड़ रहा है। मैनपुर में 30 साल पुराना कार्यालय भवन बेहद जर्जर होने के कारण महिला बाल विकास विभाग द्वारा दो-तीन वर्ष पहले मेैनपुर में एक किराये का भवन लेकर कार्यालय का संचालन किया जा रहा है जबकि महिला बाल विकास विभाग के पास भवन निर्माण के लिए शिक्षक कालोनी सामुदायिक भवन के सामने एक एकड़ की जमीन वर्षो से एलाट किया गया है। विभाग को चाहिए कि यहां सर्व सुविधायुक्त कार्यालय का निर्माण किया जाए जिससे इस विभाग के योजनाओं का लाभ लोगों को आसानी से मिले और यहां कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को कोई परेशानी का सामना करना न पड़े।

  • विभाग के पास सेटप के अनुसार कर्मचारियों की कमी 

मैनपुर में वर्षो से संचालित महिला एवं बाल विकास विभाग के पास जहां स्वयं का भवन कार्यालय के लिए नहीं है। वहीं यहां कार्यालय में कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है। यहां सहायक ग्रेड 02, 03 एवं चौकीदार की कमी वर्षो से बनी हुई है जिसके कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है ।

  • 118 आंगनबाड़ी किराये के मकान व जर्जर भवनों में संचालित नौनिहालों की जान जोखिम में

मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में कुल आंगनबाड़ी 348 है जिसमें विभाग के पास 222 आगनबाड़ी भवन है। इनमें से भी दर्जनों आंगनबाड़ी केन्द्र जर्जर हो गया है। बारिश के इन दिनों में पानी कमरों के भीतर रिसाव होता है और तो और बच्चों को बैठने में परेशानी होती है। कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली, पंखा, रनिंग वाटर, शौचालय जैसे महात्वपूर्ण सुविधाएं नहीं है और तो और 118 आंगनबाड़ी केन्द्र के पास स्वयं का भवन नहीं है जिसके कारण कुछ स्थानों पर किराये के मकान में तो कहीं झोपड़ियों में तो कहीं किसी के घर के आंगन में आंगनबाड़ी का संचालन किया जा रहा है। कहने को आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए शासन ने करोड़ रूपये का बजट दिया है लेकिन 58 आगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है।

  • 14 हजार बच्चे आगनबाड़ी केन्द्रों में जिसमें से गंभीर कुपोषित श्रेणी में 296 है

मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के 348 आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग 14 हजार बच्चे पहुंचते है जिन्हे शासन द्वारा रेडी टू ईट एवं पोषण आहार दिया जाता है। बावजूद इसके मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में 296 बच्चे अतिकुपोषण के शिकार बताये गए हैं। बहरहाल शासन द्वारा एक नया योजना के तहत कुपोषित बच्चों को गोद लेने की योजनाएं चल रही है लेकिन अभी तक बड़े जन प्रतिनिधि सामने नहीं आए है। इसके लिए विभाग को प्रचार प्रसार करने की जरूरत है।

  • पहाड़ी के उपर बसे ग्रामों में आगनबाड़ी केन्द्रों का हाल बेहाल

शासन के रिकार्ड में भले ही पहाड़ी के उपर दुर्गम ग्रामों में आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है लेकिन अब तक पहाड़ी के उपर बसे गांव में न तो आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया गया और न ही नियमित रूप से आंगनबाड़ी का संचालन किया जाता है जबकि आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 2 से 3 बार राशि जारी होने की जानकारी मिली है।

  • क्या कहते हैं अधिकारी

महिला एवं बाल विकास विभाग मैनपुर के परियोजना अधिकारी पी आर ठाकुर ने बताया मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में कुल आंगनबाड़ी 348 है और बाकिं आंगनबाड़ी किराये के मकानो में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया 0 से 6 साल तक के बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी विभाग द्वारा पूरी जिम्मेदारी के साथ किया जा रहा है। पोषण आहार और शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया अधूरे आंगनबाड़ी भवनों की जानकारी हर बार समीक्षा बैठक में दिया जाता है। मैनपुर में नया कार्यालय के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।