धमतरी में साजिश व भ्रष्टाचार की शिकार हुई महिला समूह
1 min read- धमतरी से राजू पटेल
विगत दो सप्ताह पूर्व उपासना महिला स्व सहायता समूह बोराई तहसील नगरी द्वारा रेडी टू ईट फूड अक्टूबर माह के लिये बनाकर आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण कर दिया गया था, उसके पश्चात गेहूं सफाई में निकला कचरा व अन्य खराब गेहूं जो कि 8 बोरी था उसे सफाई करने के लिए गांव के ही दूसरे मील घर में ले जाकर छोड़े थे। उसे देखकर एक मितानिन ने बहुत हो हल्ला हंगामा मचाया एवं फोटो खींचकर व्हाट्सएप में वायरल कर अफवाह फैलाया कि समूह द्वारा खराब गेहूं को इस्तेमाल किया जाता है।
समूह के महिलाओं द्वारा बहुत समझाया गया कि यह गेहूं खराब निकला हुआ है जिसको सफाई के लिए लाए हैं किंतु वह महिला यही हल्ला मचाती रही कि यह खराब गेहूं को पिसाई करके बनाते हो। हंगामा बढ़ता देख महिला समूह द्वारा उस 8 बोरी खराब गेहूं को नष्ट कर दिया गया।
खराब गेहूं की शिकायत जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंची। जिला कार्यक्रम अधिकारी नायक जी द्वारा निरीक्षण करके महिला समूह को निर्देश जारी किया कि अपने यूनिट स्थल की अच्छे ढंग से साफ सफाई करें और अन्य स्टाक गेहूं है उसमें घुन नाशक दवाई का छिड़काव कर दीवालो की पुताई करें।
- सेक्टर पर्यवेक्षक को निर्देश दिए कि 15 अक्टूबर तक इसकी निरीक्षण कर जानकारी पेश करें। पर्यवेक्षक द्वारा सरपंच एवं वार्ड पंच की उपस्थिति में 11 अक्टूबर को निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिया गया कि वहां पर कोई अनियमितता नहीं है गेहूं बिल्कुल साफ सुथरा है एवं दीवालो की रंगाई पुताई व कीटनाशक दवाई का छिड़काव भी हो चुकी है प्रकाश की पूरी व्यवस्था है और जो बचत स्टॉक गेहूं है उसे लकड़ी के ऊपर रैक में रखा गया है।
समूह द्वारा सभी सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया गया है। सेक्टर पर्यवेक्षक के इस जांच प्रतिवेदन पेश करने के पश्चात भी जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अन्य और आगामी जाँच का हवाला देते हुए रेडी टू ईट निर्माण कार्य में रोक लगाकर समूह के नाम फिर से नोटिस जारी कर दिया गया उन्हीं बातों को लेकर जिसका जांच प्रतिवेदन उनके पास पहुंच चुका है। रेडी टू ईट फूड में कोई खराबी नहीं बिना वजह के समूह को कार्य से पृथक कर दिया गया जिससे उपासना महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं मानसिक रूप से पीड़ित हो रही हैं और इस समूह में कमार जाति की महिलाएं भी जुड़ी है। समूह के कार्य की आमदनी से 10 महिलाओं के परिवार एवं उनके बच्चों का भरण पोषण होता है जिस पर बिना वजह से रोक लगा दी गई है इससे महिलाएं बुरी तरह से मानसिक रूप से पीड़ित हैं।