गाय की सेवा पुण्य का कार्य:पंडित बाबा पांडेय
बिलासपुर:गाय माता की सेवा करके मनुष्य अपने जीवन में ऐसे चमत्कारी लाभ प्राप्त कर सकता हैं, जो मनुष्य को संसार के सभी सुख प्रदान करने में सहायक होते है। इस प्रकार मनुष्य तीर्थ स्थान पर स्नान करने के बाद दान दक्षिणा देता है। वहीं ब्राह्मण को खाना खिलाकर जो पुण्य प्राप्त करता है। वही पुण्य गाय को घास खिला कर प्राप्त किया जा सकता है। गाय की सेवा करना बहुत पुण्य का काम होता है।
यह बात लॉकडाउन होने के बाद गायों को भोजन करते हुए बाबा पांडेय जी ने कही।
उन्होंने कहा कि गाय जिस भूमि पर निवास करती है। उस स्थान की पवित्रता तथा सुंदरता में स्वयं वृद्धि हो जाती है। गाय के सांस से ही उस स्थान के सभी पाप समाप्त हो जाते है। वहीं गाय में सभी तीर्थ स्थानों का निवास है। व्यक्ति गाय की पीठ को हाथ से सहलाकर उसकी सेवा करते है। गाय के पैरों को छू कर नमस्कार कर लेता है। मानो वो सभी तीर्थों का भ्रमण कर लेता है।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गौ माता की पूर्ण रूप से सेवा करता है। जैसे गाय को पानी पिलाना, चारा खिलाना, गाय को नहलाना, गाय की पीठ पर हाथ फेरना और बीमार गाय का इलाज करके स्वस्थ करने के अलावा अन्य काम करता हैं। उस व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं। बाबा पांडेय जी ने कहा कि इस कोरोना वायरस की वजह से लोग घरों से नहीं निकल पा रहे है। ऐसे में बेसहारा गाय भूख के मारे दम तोड़ रही हैं। इसी को देखते हुए बेसहारा गायों के लिए प्रतिदिन सुबह हरा चारा शहर के विभिन्ना स्थानों पर डाल रहे हैं। जिससे इस संकट की घड़ी में गौवंश को भी भोजन प्राप्त हो सके।