मृदा एवं जलः जीवन का एक स्त्रोत के विषय पर मनाया गया विश्व मृदा दिवस
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। कृषि विज्ञान केन्द्र, गरियाबंद में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर 05 दिसम्बर को मृदा एवं जल जीवन का एक स्रोत के विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया ने कृषि वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों एवं कृषकों की उपस्थिति में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कृषकों को विश्व मृदा दिवस के महत्व तथा मृदा एवं जल के संरक्षण के संबंध में जानकारी दी।
इस अवसर पर केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक श्री मनीष कुमार आर्या ने कृषकों मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर परीक्षण करवाने, जैविक खेती एवं संतुलित उर्वरक उपयोग करने की जानकारी देते हुए मृदा नमूना लेने का तरीका, मृदा परीक्षण एवं मृदा स्वाथ्य पत्रक के माध्यम से फसलों में संतुलित उर्वरक प्रबंधन के महत्व को बताया। साथ ही के केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. शालु एन अब्राहम ने कृषकों को प्राकृतिक खेती, उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ ईशू साहू ने सब्जी में पोषक प्रबंधन, ई. प्रवीण कुमार जामरे ने मृदा एवं जल संरक्षण, डॉ. ज्योति रमा भारद्वाज ने मृदा जनित रोग प्रबंधन तथा श्री तुषार मिश्रा ने मृदा में स्थित सूक्ष्म जीवों का महत्व विषयों पर कृषकों को विस्तृत रूप से पॉवर पॉइंट के माध्यम से जानकारी दी। केन्द्र के वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया एवं भ्रमण के दौरान कृषकों को प्रक्षेत्र विभिन्न इकाईयों जैसे – फसल उत्पादन इकाई, फल मातृ उद्यान, ग्रीन शेडनेट, किचन गार्डन, सब्जी नर्सरी, मशरूम उत्पादन, पशुपालन एवं अन्य इकाईयों की जानकारी दी गई। उक्त कार्यक्रम में कृषि विभाग के सहायक संचालक कृषि श्री रमेश निषाद, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषक मित्र एवं कृषक उपस्थित रहे।