विश्व महिला दिवस: अधिकारों के लिए महिलाओं को आंदोलन से डरना नहीं चाहिए
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- विश्व महिला दिवस पर सम्मेलन का आयोजन
- पर्वतारोही प्रेमलता निषाद को सम्मानित किया
रायपुर. वीआईपी रोड स्थित आश्रय स्थल में रविवार को छत्तीसगढ़ निषाद महिला संगठन ने विश्व महिला दिवस पर सम्मेलन का आयोजन किया. अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर काम कर रही समाज की महिलाओं के साथ राजनांदगांव निवासी पर्वतारोही ममता को सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि बच्चों से दास्त की तरह मां-बाप को व्यवहार करना चाहिए तभी वे हर बात आपसे बता सकते हैं.
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दुर्ग से पधारे अशोक निषाद ने कहा कि नारी सर्व प्रथम पूजनीय है. हर युग में नारी का सम्मान होता आया है. आज शिक्षा के कारण महिलाओं के सोच में बदलाव आया है. पत्रकार चंद्रशेखर निषाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विरांगना बिलासा देवी केंवट महिलाओं के लिए सबसे बड़ा उदाहरण है. विरांगना फूलन देवी के कार्यों से कुछ सीखने की जरूरत है.
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वहीं महासमुंद पदाधिकारी श्रीमती जानकी निषाद, राजनांदगांव से श्रीमती पदमनी निषाद अपने टीम के साथ सम्मेलन में उपस्थित रही. रायपुर महिला संगठन में श्रीमती प्रेमलता निषाद, लक्ष्मी ग्वाल, प्रेमीन, चंद्र्रा कुमारी, शशि, भारती निषाद और सहारा परिवाार के सदस्यों ने कहा कि समय बदल रहा है.
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अपने अधिकारों के लिए आंदोलन से डरना नहीं चाहिए. उन्होंने सबसे बड़ा उदाहरण बिलासा देवी केंवट का लिया. समाज की महिलाओं ने नृत्य, गीत, चुड़ी पहनना और कई फनी गेम खेला.
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अंत में विजेताओं को सम्मानित भी किया गया.
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