यूथ संस्कार फाउंडेशन घुमंतू बच्चों को जोड़ रहा शिक्षा से और सवार रहा है उनका जीवन
बिलासपुर से प्रकाश झा की रिपोर्ट
बिलासपुर: प्रसिद्ध लेखक नेल्सन मंडेला ने कहा शिक्षा ऐसा ब्रम्हास्त्र है जिसके उपयोग से आप दुनिया को बदल सकते है।
इनके कथन पर शहर के युवा चलते हुए आज अपने छोटे छोटे प्रयासों से शहर को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा व दशा देने का प्रयास कर रहे है अपने अद्वितीय कार्यों से पहचाने जाने वाली संस्था यूथ संस्कार फाउंडेशन छत्तीसगढ़ इन दिनों शहर के घुमंतू आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का निरंतर प्रयास कर रही है।
संस्था के संस्थापक अभय दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार प्रतिवर्ष 40000 बच्चे बाल मजदूरी भिक्षवृत्ति अपराध जैसे विभिन्न अनीतिक कृत्य में शामिल होते है इस वर्ष से कोरोना महामारी के कारण स्कूल व कॉलेज का संचालन ऑनलाइन से हो रहा है तकनीकी कमी होने के कारण व पारिवारिक आर्थिक स्थिति अच्छी न होने कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नही कर पा रहे है। औऱ धीरे धीरे जाने अनजाने में बाल अनैतिक कृत्य में शामिल हो रहे है।
इसी कड़ी में इमलीपारा निवासी शुभम ध्रुव बचपन मे माँ बाप के जाने के बाद अपने नाना नानी के साथ रहता है नाना की तबियत ठीक नही रहती है नानी घर घर काम कर के घर चलती है आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण शुभम दुकान में काम करता था जिसपे नजर यूथ संस्कार के सदस्यों की पड़ी जिसके बाद उसका बस स्टेण्ड स्थिति राष्ट्रीय शाला में कक्षा 6 वी ने प्रेवश दिलाया गया व छात्रवृत्ति के लिए फॉर्म भरने में मदद किया गया साथ ही संस्था की सदस्य शारदा कमलेश घर मे ट्यूशन दे कर शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद की जा रही है।
इस कार्य हेतु विशेष रूप से आकृति शर्मा, पायल ठाकुर, शारदा कमलेश का सहयोग रहा है।