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November 20, 2024

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जापान और कोरिया देश से विलुप्त हो चुकी वाइट बेलीड वुडपेकर चिड़िया की 11 प्रजातियां मिलीं उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में

  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • उदंती के जंगल में गूंजी व्हाइट बेलीड वुडपेकर की आवाज, वन विभाग और नोवा नेचर वेयलफेयर के संरक्षण और संवर्धन में लगे

मैनपुर । जापान और कोरिया में विलुप्त हो चुकी दुर्लभ प्रजाति उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व के जंगल क्षेत्र में चिडिया व्हाइट बेलीड वुडपेकर की 11 प्रजाति मिलने से वन विभाग में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है और वन विभाग सहित नोवा नेचर वेलफेयर सोसाईटी द्वारा इनके संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के भीतर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र बेहद खूबसूरत और विभिन्न प्रकार के वन्यजीव से भरा पुरा हैं। यह भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता हैं । नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा यहां दुर्लभ और विलुप्त प्रायः जीवों पर अनुसंधान एवं उनके संरक्षण की दिशा में वन विभाग के साथ काम किया जा रहा हैं। 2018 के एक रिसर्च पेपर के अनुसार टाइगर रिजर्व 246 विभिन्न प्रकार के पक्षियों का आशियाना हैं जिसमे एक खास समूह हैं। वुड पेकर यानी कटफोडवा का जिसे क्षेत्रीय बोलचाल भाषा में कटफोड़वा कहा जाता है। परिस्थितियों के लिए बेहद जरूरी होते हैं क्योंकि वे पेड़ों के तने में रहने वाले कीटों का भक्षण करते हैं जिससे पेड़ों का संवर्धन होता हैं। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में 11 प्रजाति के वुडपेकर पाए जाते हैं जिनमे एक बेहद खास प्रजाति हैं व्हाइट बेलीड वुडपेकर है। यह दुनिया के बड़े कटफोड़वाओं में से एक होती हैं जिसके छाती सफेद होता हैं और शरीर काला। इसकी लाल रंग की कलगी होती हैं। एक वयस्क व्हाइट बेलीड 41 से 45 से. मि. तक होता है और एशिया में दूसरा सबसे बड़ा कटफोड़वा हैं। इसकी आवाज और ड्रम बीट (पेड़ों पर चोंच मारने की आवाज) अन्य कटफोड़वा के मुकाबले ज्यादा होती हैं और काफी दूरी से इसे सुना जा सकता हैं।

भारत में यह पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट के कुछ जगहों पर पाए जाते हैं। आई यू सि एन के अनुसार इनकी संख्या कम होते जा रही हैं और जापान एवम कोरिया देशों से यह विलुप्त हो चुकी हैं। ऐसे में मध्य भारत के जंगलों में इनका मिलना इनके लिए अनुकूल परिस्तिकी को दर्शाता हैं। ऐसे दुर्लभ जीवों के संरक्षण हेतु उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व को बचाना और ऐसे जीवों के संरक्षण में कार्य करना बेहद जरूरी हैं।

क्या कहते हैं

नोवा नेचर वेलफेयर सोसाईटी अध्यक्ष एम सुरज ने बताया कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में 11 प्रजाति के व्हाइट बेलीड वुडपेकर पाये जाते है जिसमें सबसे दुर्लभ जो ऐशिया में दुसरा सबसे बडा कटफोडवा पक्षी है। वह भी यहा बडी संख्या में मिली है। जापान और कोरिया देशों में यह विलुप्त हो चुकी है इसलिए इसका संरक्षण और संवर्धन जरूरी है।