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November 19, 2024

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सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल जैसे बुनियादी सुविधाएं भी ओढ़, आमामोरा ग्रामों के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है, करेंगे आंदोलन – श्रीमती लोकेश्वरी नेताम

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद

मैनपुर। गरियाबंद जिले के दुरस्थ वनांचल बिहड़ पहाड़ियों के ऊपर बसे आमामौरा ओढ़, कुकराल,नगराल,अमलोर जैसे ग्रामों में ग्रामीणों की समस्याओं को जानने जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंची। इस दौरान कई ग्रामों में उन्हे पैदल 5-6 कि.मी. पैदल जाना पड़ा ग्रामीणों ने अपने बीच जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम को पाकर गदगद हो गये और फूल माला के साथ जोरदार स्वागत किये।

इस दौरान लोकेश्वरी नेताम ने ग्राम आमामौरा में 15 लाख रूपये के लागत से निर्माण किये जाने वाले पुल,10 लाख रूपये के नाली निर्माण, 03 लाख 50 हजार रूपये चबुतरा निर्माण एवं महिला समूह भवन 05 लाख रूपये निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया ग्राम ओढ़,आमामौरा में आश्रम,स्कूल में पहुंचकर निरीक्षण किया गांव में चौपाल लगाकर देर रात तक ग्रामीणों के समस्याओं को सुना।

शुक्रवार देर शाम मैनपुर पहुचकर पत्रकारो से चर्चा करते हुए जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा मैनपुर से लगभग 38 कि.मी. दूर ओढ़ आमामौरा और एक दर्जन ग्राम जो विशेष पिछड़ी कमार जनजाति आदिवासी बहूल्य ग्राम है आज आजादी के 75 वर्षो बाद भी यहां के निवासियों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल नसीब नही हो रहा है। इन ग्रामों में पहुचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण नही किया गया है कई कि.मी. पैदल चलने के बाद आश्रित ग्रामों में पहुचा जाता है गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को प्रसव के दौरान होती है क्रेड़ा विभाग द्वारा लाखो रूपये खर्च कर सौर उर्जा लगाया गया है लेकिन वहां महज ढकोसला साबित हो रहा है सभी सौर उर्जा के संयत्र खराब पड़े है ग्रामीण शिकायत कर थक चूके है कोई सुधार करने वाला नहीं है।

श्रीमती नेताम ने बताया शिक्षा व्यवस्था कि तो हाल बेहाल है । यहां आमामौरा में आश्रम भवन के अभाव में बच्चे सचिव के निवास में पढ़ाई करने विवश हो रहे हैं यहां के ग्रामीण हेण्डपम्पों में लाल पानी के कारण झरिया का पानी पी रहे है।
श्रीमती नेताम ने कहा ग्रामीणों के द्वारा जितने भी आवेदन पत्र मांगपत्र दिये गये है इसे जिले के आला अफसरो और प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत को अवगत कराया जायेगा इसके बाद भी समस्या का समाधान नही हुआ तो यहां के ग्रामीण आन्दोलन चक्काजाम करने बाध्य होंगे जिसके लिए सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।