उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के घने जंगल में धधक रहा है जगह जगह आग, सेटेलाईट से लगातार पहुंच रहा है वन अफसरों तक आगजनी की खबर
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- चौकीदार से लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी तक हड़ताल में चले जाने से जंगल की सुरक्षा अब भगवान भरोसे
- जंगल में आगजनी के कारण वन्य प्राणी मुख्य मार्ग व गांव के नजदीक पहुंच रहा है अवैध शिकार की बढ़ी संभावनाएं
- टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक के अनुसार लगभग 230 स्थानों पर आगजनी की सूचना
- उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के 144 बीट मे सबसे ज्यादा आगजनी की खबर कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र से
मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण जंगल है, यह जंगल कीमती वनोंपज औषधियों के साथ राजकीय पशु वनभैसा व अन्य वन्य प्राणियों की भारी संख्या के नाम से पुरे प्रदेश व देश में प्रसिध्द है, लेकिन गर्मी बढने के साथ ही होली पर्व के बाद से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के घने जंगलो में भारी आगजनी की लगातार सूचनाए मिल रही है। लगातार हो रही आगजनी के घटना के कारण जंगल की बेसकीमती लकडियो वन औषधियों वनोपज के साथ हरे भरे छोटे बडे पेड पौधे नष्ट हो रहे है, तो वही जंगल के अंदर रहने वाले वन्य प्राणी भी आगजनी से डर कर नेशनल हाईवे और गांव के नजदीक नदी तालाब, पोखर के आसपास इन दिनों किसी भी समय आसानी से विचरण करते देखे जा सकते है, जिसके कारण वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर वन अफसरो में चिंता देखने को मिल रही है।

ज्ञात हो कि 21 मार्च से अपने मांगो को लेकर वन कर्मचारी संघ हडताल पर चले गये है, और तो और आज 05 अप्रेल दिन मंगलवार से वन परिक्षेत्र अधिकारियो के भी हडताल में चले जाने से अब जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे हो चला है। हालांकि वन विभाग आला अफसरो द्वारा प्रत्येक बीट पर एक एक फायर वाचर दैनिक मजदूरी पर नियुक्त कर जंगल की सुरक्षा और आगजनी को रोकने का दावा किया जा रहा है, लेकिन एक बीट इतना लंबा चौडा है कि एक मजदूर के भरोसे किसी भी सूरत में जंगल की सुरक्षा कर पाना नामुनकिन है, तो वही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने चर्चा मे बताया कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में अब तक मात्र 230 स्थानों पर ही आगजनी की घटना दर्ज हुआ है, जबकि विभागीय सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एक मार्च 2022 सेे 04 अप्रैल 2022 तक कुल 470 स्थानों पर आगजनी की घटनाए सेलेटाईट के माध्यम से दर्ज करने का दावा किया जा रहा है।

बहरहाल वन अफसर की अपना दावा है और सूत्रों की अपना दावा लेकिन यह पूर्णतः सत्य है कि वन चैकीदार से लेकर वन रक्षक, डिप्टी रेंजर और वन परिक्षेत्र तक के अधिकारियो के हडताल में चले जाने से जंगल की सुरक्षा और देखरेख को लेकर चिंता व्यक्त करना बहुत जरूरी है।

लगातार जंगल क्षेत्र आग से धधक रहा है, खासकर जंगल के पहाडी ईलाको मे इतना भीषण आग लगा है कि यह आग नेशनल हाईवे और तो और मैनपुर तहसील मुख्यालय के साथ साथ गांव गांव से आसानी से देखा जा सकता है, और आग की तपीस भी महसूस किया जा सकता है।
गरियाबंद और धमतरी जिले के 09 वन परिक्षेत्रों को मिलाकर 13 वर्ष पहले टाईगर रिजर्व बनाया गया
गरियाबंद जिले के उत्तर उदंती,दक्षिण उदंती, तौरेंगा, कुल्हाडीघाट, इदागांव एंव धमतरी जिले के रिसगांव, अरसीकन्हार, सीतानदी एंव अरसीकन्हार बफर कुल 09 परिक्षक्षेत्रो को मिलाकर वर्ष 2008-09 में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया और पांच वन परिक्षेत्र उत्तर उदंती, दक्षिण उदंती, रिसगांव, अरसीकन्हार,सीतानदी को कोर क्षेत्र घोषित किया गया है , तो वही तौरेंगा ,कुल्हाडीघाट, इदागांव एक और अरसीकन्हार को बफर जोन एरिया घोषित किया गया है। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में 144 बीट है, जिसमें बडे पैमाने पर शासन द्वारा चैकीदार, वन रक्षक, डिप्टी रेंजर और वन परिक्षेत्र अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये पुरा वन अमला वन एंव वन्य प्राणियों की सुरक्षा करते है, लेकिन पिछले एक पखवाडे से वन कर्मचारी संघ के हडताल मे चले जाने से जंगल की सुरक्षा तार -तार हो गई और जंगल के भीतर आगजनी की घटना लगातार बढती गई। हालांकि वन विभाग ने 144 बीट मे एक एक दैनिक मजदूर तैनात किया है, जो फायर वाचर के रूप मे कार्य कर रहे है, और उन्हे 40 बोलोवर आग बूझाने की मशीन भी उपलब्ध कराई गई है।
टाईगर रिजर्व के कोर ईलाके के इन क्षेत्रो में आगजनी की घटना ज्यादा
मिली जानकारी के अनुसार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उत्तर उदंती के पहाडी ईलाका पायलीखण्ड, कुरूभाठा, अमली, मातरबहाल,रक्शापत्थरा,चैकसील, देवझर अमली, गोडेना, पुंजी पत्थरा,साहेबिनकछार, रिसगांव के जोरातराई,चमेदा, खल्लारी, माहूलकोंट,जोगडीबिरछो, अरसीकन्हार के तुमडीबाहर,लिलाज, बीलपानी, गाताबाहरा,संदबाहरा,सीतानदी के फरसगांव, बहीगांव, भारीपानी,काटीगांव एंव बफर जोन वन परिक्षेत्र कुल्हाडीघाट के ओढ,आमामोरा, नगरार, कुकराल, बुढार, नारीपानी, जोब, छिन्दौला, बेसराझर, भालूडिग्गी, मटाल, कुरूवापानी सहित सिर्फ कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र में 170 स्थानों पर आगजनी की सूचना अब तक मिली है, वही तौरेंगा में फुलझर पहाडी, झरियाबाहरा, कंवरआमा, गौरगांव, गरीबा, नगबेल, कोकडी, अडगडी, शोभा एंव इदागांव वन परिक्षेत्र मे काण्डसर, बुडेगलटप्पा, फरसरा, पीपलखुंटा क्षेत्रो सहित पहाडी ईलाको मे भारी आगजनी की जानकारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर उदंती में 65 स्थानो पर दक्षिण उदंती में 60 स्थानों पर सीतानदी में 38 स्थानों पर तौरेंगा में 55 स्थानों पर इदागांव मे40 स्थानों पर और सबसे कम रिसगांव में मात्र12 स्थानों पर तथा अरसीकन्हार में 06 स्थानों पर आगजनी की घटना की सूचना प्राप्त हुई है।

शाकाहारी वन्य प्राणियों के सामने हरे चारे की समस्या
जंगल लगातार आग लगने से बेशकीमती वनोंपज औषधी छोेटे छोटे हरे भरे पौधे जल रहे है पौधारोपण मे वन विभाग द्वारा की जा रही मेहनत पर पानी फिर रहा है। चारो तरफ कई कई किलोमीटर तक सिर्फ राख दिखाई दे रहा है हालांकि इस आगजनी से बडे वृक्षों को कोई हानी नही होती लेकिन पांच से 06 फीट तक के छोटे हरे पौधे जल जाने से खासकर शाकाहारी वन्य प्राणी सांभर, चीतल, नीलगाय, खरगोश, हिरण, जंगली सुअर जैसे वन्य जीवो के सामने चारा की समस्या उत्पन्न हो रही है, साथ ही तेजी से जंगल के भीतर नदी नाले पोखर सुख रहे है, जिसके कारण इन दिनो मुख्य मार्ग सहित जंगल के भीतर बसे गांव के आसपास आसानी से वन्य प्राणियों को विचरण करते देखा जा सकता है, जिससे वन्य प्राणियों के साथ साथ मानव की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की जा रही है।

डीएफओं व वन अफसर खुद आग बुझाने लगातार कर रहे है जंगलों का दौरा
वन कर्मचारी संघ के हडताल में चले जाने से वन अफसर डीएफओं से लेकर बडे अफसर स्वंय जंगल का दौरा कर जंहा आग लगने की सूचना मिल रही है। स्वयं पहुंचकर आग बुझाने में लगे हुए है साथ ही वन सुरक्षा समितियो और ग्रामीणों से भी जंगल की सुरक्षा के लिए अपील कर रहे है।
हडताल कर रहे वन कर्मचारियों का दावा 40 प्रतिशत जंगल आग के हवाले
12 सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे वन कर्मचारी संघ के गरियाबंद जिला अध्यक्ष डोमार कश्यप ने दावा किया है कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व सहित गरियाबंद वन मंडल के 40 फीसदी जंगल मे आगजनी से भारी क्षति पहुची है, साथ ही उन्होने कहा कि जब तक उनकी 12 सूत्रीय मांगो को पुरा नही किया जायेगा, यह आंदोलन जारी रहेगा।
क्या कहते हैं उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक
उंदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने चर्चा में बताया कि अब तक उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में मात्र 230 स्थानों पर आगजनी की सूचना सेटेलाईट के माध्यम से मिली है, और उसमें काबू पाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 144 सभी बीटों में फायर वाचर तैनात किये गये हैं। वन प्रबंधन समिति और गांव के लोग आग बुझाने में लगातार मदद कर रहे है, सेटेलाईट के माध्यम से लगातार जानकारी मिल रही है, अभी तक कोई ज्यादा नुकसान नही हुआ है छोटे छोटे झाड घांस जले है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आग बुझाने के लिए अत्यधुनिक मशीन बोलोवर 40 नग उपलब्ध कराये गये है, और लगातार आग पर काबू पाया जा रहा है। श्री वरूण जैन ने आगे बताया कि आज से वन परिक्षेत्र अधिकारी भी हडताल पर चले गये है।
