Recent Posts

October 17, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

अब वाइट हाउस की कमान डेमोक्रैट के हाथ में… डोनाल्ड ट्रंप को हरा कर बाइडेन का अमेरिका का 46वां राष्ट्रपति बनना तय

1 min read
  • वॉशिंगटन, नई दिल्ली

विशेष बात यह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे भी लगभग आ चुके हैं। वाइट हाउस की कमान डेमोक्रैट कैंडिडेट बाइडेन के हाथ में आना तय माना जा रहा है। सूचना के मुताबिक, बाइडेन ने रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ते हुए पेंसिल्वेनिया अपने नाम भी कर लिया। इसके साथ ही उन्हें जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट मिल गए।

अब जीत की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद बाइडेन ने ट्वीट भी कर दिया कि अमेरिका, मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि आपने देश के नेतृत्व के लिए मुझे चुना है। हमारे आगे का काम मुश्किल होगा लेकिन मैं वादा करता हूं कि मैं सभी देशवासियों का राष्ट्रपति रहूंगा- चाहे आपने मुझे वोट किया हो चा नहीं। आपने जो भरोसा मुझपर दिखाया है, उसे मैं पूरा करूंगा।’ बता दें कि पेंसिल्वेनिया में ट्रंप आगे चल रहे थे लेकिन जैसे-जैसे मेल-इन बैलेट की गिनती की गई, वैसे-वैसे बाइडेन आगे निकलते गए। इससे पहले खबरें आ रही थीं कि फिलेडेल्फिया में फर्जी बैलेट ले जाने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कौन हैं बाइडेन?

अब बाइडेन का पूरा नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन जूनियर है। उनका जन्म 20 नवंबर, 1942 को पेंसिलविनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक आयरिश मूल के थे। जिनका नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन था, जबकि माता का नाम कैथरीन यूजीन फिननेगन था। जो बाइडेन कुल तीन भाई और एक बहन थे। जिनमें जो सबसे बड़े थे। बाइडेन के पिता की माली हालत पहले अच्छी नहीं थी। बाद में जब उनके पिता कार सेल्समैन बने तब उनके घर की आर्थिक स्थिति बदली।

जो बाइडेन ने अपनी शिक्षा क्लेमॉन्ट में आर्चर अकादमी में पाई। जहां की फुटबाल टीम में भी वह काफी सक्रिय रहे। वह आर्थिक रूप से गरीब होने के बाद भी पैदायिशी नेता थे। इसलिए वह पढ़ाई के दौरान भी जूनियर और सीनियर क्लासेज में क्लास प्रेसिडेंट रहे। बाइडेन ने उच्च शिक्षा डेलावेयर विश्वविद्यालय से पाई। इस विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया था।

1972 में पहली बार बने दे सीनेटर

बाइडेन 1972 में डेलावेयर से डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पहली बार सीनेटर चुने गए थे। यहीं से उनके राजनीतिक करियर का आगाज हुआ था। इस चुनाव में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के दिग्गज नेता जेम्स कालेब बोग्स को हराया था। उस समय बोग्स को चुनौती देने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी को कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था। इसलिए, पार्टी ने कम उम्र के नौसिखिए राजनीतिज्ञ जो बाइडेन को टिकट दे दिया।

बाइडेन ने की हैं दो शादियां

बाइडेन ने दो शादियां की हैं। उन्होंने पहली शादी 27 अगस्त, 1966 को सिलियाकस विश्वविद्यालय में एक छात्र नेलिया हंटर के साथ की थी। उनकी शादी का समारोह न्यूयॉर्क के स्केनएटेल्स के एक कैथोलिक चर्च में आयोजित किया गया था। इस शादी से जो बाइडेन को तीन बच्चे हुए। 18 दिसंबर, 1972 को बाइडेन की पत्नी और उनकी एक साथ की बेटी की डेलावेयर में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। बाइडेन ने अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद 1977 में जिल ट्रेसी जैकब्स से शादी की।

कैसे बने अमेरिका के उपराष्ट्रपति
अमेरिकी सीनेट के प्रतिनिधि के रूप में 35 साल बिताने के बाद जो बाइडेन की गणना डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे सफल और कद्दावर नेताओं में की जाने लगी। 2008 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अपनी उम्मीदवारी को नामित करने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने प्राइमरी से अपना नाम वापस ले लिया और फिर से सीनेटर के चुनाव में लग गए। जब इस चुनाव में पार्टी ने बराक ओबामा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने जो बाइडेन को अपना रनिंग मेट और उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना।

दोबारा चुने गए उपराष्ट्रपति
नवंबर 2008 को उन्हें उपराष्ट्रपति पद पर जीत मिली। जनवरी में बराक ओबामा ने राष्ट्रपति और जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। 2012 में पार्टी ने फिर से ओबामा और बाइडेन की जोड़ी को चुनावी मैदान में उतारा। जिसमें इन्हें फिर से जीत हासिल हुई और वे दोबारा अमेरिका के उपराष्ट्रपति बनें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *