अंग्रेज सरकार के छुकछुकिया गाड़ी को राजिम से एक कदम नहीं बढ़ा पाए प्रजातंत्र के प्रहरियों ने
1 min read- 21वीं सदी में रेलगाड़ी नहीं देख पायेंगे गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग की जनता: मुरलीधर सिन्हा
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। भाजपा जिला गरियाबंद के दिग्गज नेता और पूर्व जिला महामंत्री मुरलीधर सिन्हा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि आजादी के 75 साल अमृत महोत्सव भारत देश मना रहा है और भारत विकसित राष्ट्र बनने की प्रगति के पथ पर है। भारत के वैज्ञानिक और विज्ञान ने चन्द्रमा, मंगल और बुध तक जाने की सौपान गढ़ लिया लेकिन हमारे महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र की धरती खासकर राजिम और बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा की जनता अपने बेहाली पर आज भी आँसू बहा रही है ? इस क्षेत्र के नुमाईंदों ने 1952 से दिल्ली की सदन में अपना डंका बजाया किन्तु क्षेत्र की डंका कभी नहीं बजी ? अमीर धरती के गरीब लोगों की कभी सुधी नहीं ली गई ? हमारे नुमाइंदों ने पद, प्रतिष्ठा और पैसा खूब कमाया । जनता को फटेहाल और तंगेहाल में छोड़ दिये ।
श्री सिन्हा ने बताया कि अंग्रेजी हकूमत में रायपुर से राजिम और रायपुर से धमतरी सिहावा तक छोटी रेल लाइन पर छुकछुकिया गाड़ी चलती थी। वनाच्छादित क्षेत्र में साल पेड़ के जंगल होने के कारण रेल स्लीपर परिवहन होता था और यात्रा का भी लाभ मिलता रहा है किन्तु देश को अंग्रेजी गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु नेताओं की गुलामी से मुक्ति नहीं मिली ? यह बताना लाजिमी होगा कि इस महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र से बड़े-बड़े राज नेताओं ने प्रतिनिधित्व किये जिसमें विद्याचरण शुक्ल, श्यामाचरण शुक्ल, पुरूषोत्तम कौशिक, पवन दीवान, अजीत जोगी, चन्द्रशेखर साहू जैसे महान और दिग्गजों के नाम अग्रणी पँक्ति में नाम है । शुक्ल बंधुओं का अभेद्य गढ़ रहा है । विद्याचरण शुक्ल जी केन्द्र सरकार में लम्बे समय तक मन्त्री रहे तो श्यामाचरण शुक्ल जी सांसद के आलावा मध्यप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे फिरभी ये शुक्ल बन्धुओं ने क्षेत्र की जनता को एक उद्योग या कल कारखाने नहीं दे पाये ? क्या दिए सिर्फ बेबसी, लाचारी और गरीबी जिसे आज भी राजिम और बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा की जनता ढोह रही है ?
राजिम धार्मिक व पुण्य की भूमि त्रिवेणी संगम है तो बिन्द्रानवागढ़ में जल सम्पदा, वन सम्पदा खनिज संपदा की प्रचुरता है जो विश्व पटल में नाम है । क्षेत्र के लोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य साधन खेती एवं वनोपज संग्रहण से होता है । खेती आज भी परम्परागत है और प्रकृति भरोसे पर है । अल्पवृष्टि और अतिवृष्टि का भी मार किसानों को सहना पड़ता है । 70 प्रतिशत भगवान भरोसे वर्षा के जल पर निर्भर हैं जिसमें वैज्ञानिक पध्दति का कोई लाभ नहीं है ? किसान आज भी आलू के फसल में ऊपर टमाटर फले और नीचे आलू कंद जमे जिससे दो फसल का लाभ मिले ऐसे तकनीक का किसान बाट जोह रहा है । पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों के विकसित किसान बनाने का कभी प्रयास नहीं किया गया ? जबकि किसानों में वे सारे विकसित श्रम मौजूद है । आज भी ऐसे निकम्मे जनप्रतिनिधियों से क्षेत्रवासियों ने उम्मीद बनाये हुये हैं । भाजपा नेता मुरलीधर सिन्हा ने आगे कहा कि हालांकि पूर्व सांसद चन्दूलाल साहू ने रायपुर से राजिम और रायपुर से धमतरी के छोटी रेललाईन (नैरोगेज) को बड़ी रेललाईन (ब्रॉडगेज) कराने में सफल हो गए और बड़ी रेलपांत बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है । जब मैंने पूर्व सांसद श्री साहू जी को राजिम से देवभोग होकर भवानीपटना उड़ीसा तक रेल लाइन जोड़ने के सम्बंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र में रेल सुविधा कराने मांग किया था जिसका सर्वेक्षण करने के बाद बताया गया कि इस क्षेत्र में रेल चलाने से रेल्वे को कोई लाभ नहीं है अर्थात पर्याप्त राजस्व नहीं मिलेंगे यह उत्तर रेल विभाग ने बताया था । अब प्रश्न उठता है कि जनता को सुविधा देने में लाभ ही क्यों दिखाई देता है ? यह बताना लाजिमी होगा कि उड़ीसा के भवनीपटना (कालाहाण्डी) जिला भूखमरी क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, मुझे बाल्यकाल में जानकारी मिली थी एक महिला ने पेट की क्षुधा शान्त करने अपने बच्चे को बेच दी थी ऐसे जिले में रेल्वे को क्या राजस्व मिलता होगा जहाँ बड़ी रेललाईन हो गया है, वहाँ की राजनीतिक जागरूकता के चलते जनप्रतिनिधियों ने भवानीपटना रेल्वे स्टेशन को विस्तार करके जूनागढ़ जो देवभोग से महज 25 किमी दूर है ऐसे जनप्रतिनिधियों की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो असंभव भी सम्भव हो सकते है, किन्तु ऐसा लगता है कि हमारे विधायक, सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को इस क्षेत्र की जनता से कोई सरोकार नहीं है । अभी छत्तीसगढ़ से भाजपा के विधायक, सांसद एवं उच्च शीर्ष नेता दिल्ली में प्रधानमंत्री एवं अन्य केंद्रीय मन्त्रियों से मिलने गए हैं तो हमारे बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान देनी चाहिए ।
भाजपा नेता श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि रेल सुविधा के अतिरिक्त क्षेत्र के अनेक योजनाओं पर वन आपत्ति लगे हैं ऐसे प्रकरणों को हमारे विधायक, सांसद एक प्रतिनिधि मंडल ले जाकर प्रधानमंत्री एवं अन्य केन्द्रीय मन्त्रियों से बात करनी चाहिये । क्या हम आन्दोलन, धरना प्रदर्शन करेंगे तभी हमारी बातों को सुनेंगे ? श्री सिन्हा ने कहा कि 21 वीं सदी में भी राजिम, गरियाबंद, मैनपुर एवं देवभोग की जनता रेलगाड़ी नहीं देख पायेंगे ?