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May 20, 2024

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मुंबई, गोवा जैसे कायकिंग की अब पर्यटकों को उंदती अभ्यारण में मिलेंगी सुविधाएं

  • गरियाबंद जिले के लिए एक उपलब्धि
  • पर्यटकों को बड़े महानगरों की तरह पर्यटन के क्षेत्र में सुविधाएं भी मिलेगी
  • शेख हसन खान, गरियाबंद

गरियाबंद। मुंबई, गोवा, केरल जैसे बड़े महानगरों में पर्यटकों को मिलने वाली कायकिंग जैसे वाटर एडवेंचर की सुविधाएं अब मैनपुर क्षेत्र में भी मिलने लगेगी। गरियाबंद जिले के उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने प्राकृतिक नदी जलप्रपातो में कायकिंग करने का भी अवसर उपलब्ध करा दिया गया है यह गरियाबंद जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के युवा उपनिदेशक वरूण जैन द्वारा लगातार उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने कार्य किया जा रहा है जब से उन्होने कार्यभार संभाला है। पर्यटन को बढ़ावा देने विशेष कार्य किया जा रहा है वर्षो से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पर्यटको के लिए निर्माण किये गये। विश्राम गृह एवं पर्यटन स्थलो में ठहरने की काटेजो का सुधार कार्य करवा कर तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 25 किमी की दूरी सोंढुर जलाशय में नौका विहार भी प्रारंभ करवाया गया है और तो और सोंढुर जलाशय में ईको टुरीजम पार्क का निर्माण कार्य करवा कर बच्चों व पर्यटकों के झुला व भोजन तक की व्यवस्था किया गया है जिसके चलते महज 30 रूपये बहुत कम शुल्क में बड़ी संख्या में पर्यटक सोंढुर में पहुंचकर नौका विहार का आनंद पिछले छः माह से ले रहे हैं।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 18 किमी दूर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी गोदग्राम कुल्हाड़ीघाट से लगे देवदहरा जलप्रपात के नीचले हिस्से कठवा नर्सरी नदी में एक सप्ताह पूर्व वन विभाग द्वारा चार कायकिंग बोट मंगवाये गये है और इससे लोगों को यहा पर टेªनिंग भी दी जायेगी और पर्यटक अब यहां कायकिंग का लुत्फ भी उठा पायेंगे। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र में कायकिंग की व्यवस्था करने से जहां देवदहरा जलप्रपात में पर्यटको की संख्या बढ़ेगी। वही यहां आने वाले पर्यटकों को बड़े महानगरों की तरह पर्यटन के क्षेत्र में सुविधाएं भी मिलेगी। कायकिंग एक वाटर एक्टीविटी है जिसमें छोटी नाव जिस कयाक कहते है उस पर बैठकर पानी में तैरा जाता है यह सिर्फ मनोरंजन के लिए नही बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद बताया जता है। बड़े महानगरो में यह सुविधाएं पहले से उपलब्ध है लेकिन गरियाबंद जिले में सिर्फ उदंती अभ्यारण्य के कुल्हाड़ीघाट देवदहरा जलप्रपात नदी में यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है निश्चित रूप से इसका आने वाले समय में बेहतर लाभ मिलेगा साथ ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही वन प्रबंधन समिति को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नौका विहार करने उमड़ने लगी है भीड़

मैनपुर से महज 25 कि.मी. दूर सोंदूर जलासय में इन दिनो नौका विहार करने भारी संख्या में पर्यटक पहुच रहे है क्योकि पूरे गरियाबंद जिले में नौका विहार की सूविधाएं कही नही है और उंदती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सोंदूर जलासय में पहलीबार पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देष्य से चार मोटर बोर्ड लाये गये है और महज बहुत कम लागत 30 रूपय प्रति व्यक्ति के दर से नौका विहार का लोग आनंद ले रहे है। नौका विहार करने वाले पर्यटकों के लिए नौका चालक के साथ लाईट जाॅकेट सुरक्षा की इंतिजाम किए गये है। साथ ही इंको टूरिजम पार्क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जहां वर्तमान में बच्चों के लिए झुला व कई आकर्षक मनोरंम प्राकिृतक दृष्य है चारो तरफ हराभरा माहौल दिल को काफी सुकून देता है और लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लगातार रूटीन कार्यो और आफिस का तनाव परेशानियेां से कुछ समय निकाल कर लोग यहां सुकून की तलाश में पहुंच रहे है जहां नौका विहार के साथ प्रकृति जंगल और धार्मिक स्थल मुचकुंद ऋषि के आश्रम पहाड़ी के उपर पहुंच कर पर्यटको को आनंद मन में एक नई ताजगी का संचार हो रहा है। यहां पहंुचने वाले पर्यटको के लिए ईको पार्क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें आने वाले तीन माह के भीतर पर्यटको को रूकने के लिए काटेज की निर्माण किया जा रहा है पूरी तरह बांस और लकड़ी से निर्माण किये जा रहे इस काटेज का लाभ जल्द ही यहां पर्यटको को मिलेगा।

पर्यटकों के लिए दो जिप्सी की है व्यवस्था

उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में इन स्थानो तक पहुंचने के लिए दो जिप्सी की भी व्यवस्था वन प्रशासन द्वारा किया गया है इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक जिप्सी में इन पर्यटन स्थलो में आते जाते दिखाई दे रहे है।

क्या कहते है उंदती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक 

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुल्हाड़ीघाट देवदहरा के नीचे कठवा नदी में चार नया कायकिंग बोट लाया गया है। जल्द ही इसकी शुल्क वन प्रबंधन समिति द्वारा तय किया जायेगा और इसका लाभ सभी पर्यटकों को मिलेगा।