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May 20, 2024

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बी.पी. मण्डल ने सामाजिक परिवर्तन की धारा को दिया निर्णायक मोड़

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B.P. The board gave a turning point for social change

25 अगस्तः बी.पी. मण्डल की जयंती के अवसर पर विशेष आलेख
बिन्देश्वरी प्रसाद मण्डल (बी0पी0 मण्डल) ने सामाजिक परिवर्तन की धारा को निर्णायक मोड़ दिया। उनकी ईमानदारी, निर्भीकता और स्वाभिमानी चरित्र की चर्चा आज भी राजनीतिक जगत में होती है। बी0पी0 मण्डल का जन्म 25 अगस्त 1918 को वाराणसी में हुआ था। इनका पैत्रिक गांव मुरहो स्टेट, मधेपुरा (बिहार) में था। इन्होने मधेपुरा, दरभंगा व पटना में हुई इनके पिता का नाम रास बिहार लाल मण्डल और माता का नाम सीतावती देवी था। 1937 में इनका विवाह समस्तीपुर के आधारपुर में सीता देवी के साथ हुआ।

B.P. The board gave a turning point for social change
ये बिहार के मुख्यमंत्री एंव राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी रहे। जनता पार्टी की सरकार के समय 01 जनवरी, 1979 को इनकी अध्यक्षता में द्वितीय राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग का गठन किया गया। जिसे मण्डल आयोग के नाम से जाना जाता है। उनकी अध्यक्षता वाले मण्डल आयोग ने बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति को प्रभावित किया। बिन्देेश्वरी प्रसाद मण्डल स्वतंत्रता सेनानी स्व0 रास बिहारी लाल मण्डल व सीतावती मण्डल की 05वीं संतान थे। उनका जन्म बनारस में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा मधेपुरा के कमलेश्वरी मध्य विद्यालय में हुई। इसके बाद उन्होने सिरीज इंस्टीट्यूट मधेपुरा (शिवनन्दन प्रसाद मण्डल विद्यालय, मधेपुरा) से शिक्षा ग्रहण किया। दरभंगा एवं भागलपुर एवं पटना से उन्होने उच्च शिक्षा ग्रहण की। बी0पी0 मण्डल बेहद व्यवहार कुशल थे, यही कारण था कि उनके विरोधी भी उनकी बातों को गंभीरता से सुनते थे। वे सदैव गरीबों के हितैशी व शुभचिंतक रहे। राजनीतिक सफर- बी0पी0 मण्डल के भाई कमलेश्वरी मण्डल भागलपुर से एम0एल0सी0 थे। कमलेश्वरी मण्डल के निधन के बाद भागलपुर के जिला परिषद सदस्य के रूप में उन्होने राजनीतिक यात्रा शुरू की। बी0पी0 मण्डल 1952 में मधेपुरा संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुए। 1962 के विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। 1965 में मधेपुरा के पामा गांव में हरिजनों पर स्थानीय दबंगों एवं पुलिस की बर्बरता पूर्णं कार्यवाही का उन्होने विरोध किया और कांग्रेस छोड़कर सोशलिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। 1967 में वे पुनः मधेपुरा से सांसद निर्वाचित हुए। 01 फरवरी 1968 को बिहार के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। 47 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर रहे बी0पी0 मण्डल ने राज्य में एक कुशल सरकार देने का प्रयास किया। इसके पहले वे 6 माह के लिए स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके थे। 1977 में जनता पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप  में उन्होने कई नेताओं के विरोध के बाद लालू प्रसाद यादव को छपरा से लोक सभा का टिकट दिया। 1978 में चिकमंगलूर से इंदिरा गांधी के लोक सभा में आने के बाद जब उनकी सदस्यता रद्द करने की कार्यवाही की जा रही थी, तो मण्डल जी ने इसका विरोध किया। 01 जनवरी, 1979 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बी0पी0 मण्डल को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। मण्डल आयोग में 21 मार्च, 1979 से अपना कार्य शुरू किया। बी0पी0 मण्डल ने अपनी जिम्मेदारी को बखुबी निभाई। 31 दिसम्बर,1980 को मण्डल कमीशन के अध्यक्ष के रूप में उन्होने देश के सामने पिछड़ों एवं वंचित समाज के आरक्षण की वकालत करने वाली रिपोर्ट पेश की। इनकी सिफारिशों को वी0पी0 सिंह की सरकार ने 13 अगस्त, 1990 को लागू कर सरकारी सेवाओं में अन्य पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।  13 अप्रैल, 1982 को पटना में हृदय गति रूकने से उनकी मृत्यु हो गई। बिन्देश्वरी प्रसाद मण्डल का 64 वर्ष का जीवन काल उनके कार्यों एवं विचारों से वंचित समाज को प्रेरणा देता रहेगा।

चौ.लौटनराम निषाद

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