Recent Posts

May 20, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में बेगुनाहों को मारने वालों को सजा दिलाने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

  • रामकृष्ण ध्रुव, गरियाबंद

गरियाबन्द । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह से हिंसा बेकाबू होती चली गई। राज्य के निवासियों एक विशेष समूहों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की वजह से दिन प्रतिदिन प्रताड़ित हो रही। हत्याएँ पर कठोर एवं पीड़ितों के साथ न्याय के लिए लोकतंत्र रक्षा मंच के राष्ट्रीय आह्वान पर गरियाबन्द जिला के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं द्वारा कलेक्टर महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें लोकतंत्र रक्षा मंच के जिलाध्यक्ष श्री गिरीशदत्त उपासने, नंद किशोर चौबे, भोपेन्द्र साहू, दिनेश शर्मा, रिखीराम यादव व प्रकाश निर्मलकर मौजूद रहे।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद वहां के निवासियों के एक विशेष समूहों पर लगातार हिंसक वारदात व हो रही हत्याओं पर कठोर कार्यवाही व पीड़ितों को न्याय दिलाने राष्ट्रीय लोकतंत्र रक्षा मंच के आह्वान पर गुरुवार को देश के जिला कलेक्टरों को प्रबद्ध नागरिकगण एवं सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे। जिसमें कहा गया कि चुनाव परिणाम आने के तत्काल बाद पश्चिम बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी के गाड़ी में हमले से हिंसा की शुरुआत हुई इसके बाद राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या की गई विधानसभा क्षेत्र के विपक्षी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं के घरों एवं दुकानों में तोड़फोड़ की गई। कार्यकर्ताओं के घरों को छोड़ा गया। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं एवं कार्यालयों में तोड़फोड़ आगजनी हिंसा की घटनाएं सामने आई। इन सभी घटनाओं के लिए पश्चिम बंगाल राज्य के सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं।

उक्त घटनाओं से जो ना सिर्फ भारत के लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुंचाती है बल्कि मानवता को भी शर्मसार कर देती है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अपने विचार एवं इच्छा से मत देने की वजह से महिलाओं एवं युवतियों के साथ भी दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिला महिलाओं के साथ हुए दुर्घटनाओं पर संज्ञान भी लिया है जिसमें कुछ युवतियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ की बातें रिपोर्ट के माध्यम से सामने आई है। महामहिम राष्ट्रपति जी से उपरोक्त दुखद एवं असामाजिक लोकतांत्रिक घटनाओं के अलावा देश ने एक बार फिर प्लांट प्रक्रिया देखी है। देश के विभाजन के समय जम्मू एवं कश्मीर में 1990 के दशक में हिंसा से जान बचाने के लिए बड़े स्तर पर पलायन हुआ था। वर्तमान में एक बार फिर पश्चिम बंगाल के एक वर्ग का बड़े स्तर पर प्लान देखा जा रहा है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से एक वर्ग एक विचारधारा एक संगठन एक समुदाय से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उससे भयभीत होकर ग्रामीण अपना घर अपने सामान अपनी मातृभूमि छोड़कर आसाम के सीमावर्ती क्षेत्र के शिविर में रहने को विवश है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम छत्तीसगढ़ के नागरिकों का आपसे विनम्र निवेदन है कि आप इस पूरे मामले संज्ञान में लेते हुए पीड़ितों को न्याय दिलवाए एवं उनके सुरक्षा और स्वस्थ करें। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में हिंसा के माध्यम से लोकतंत्र को खत्म करने एवं सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग कर आम जनता को भयभीत करने का कार्य किया गया है।उसके दोषियों पर उचित कार्यवाही की मांग करते हुए इस हिंसा से प्रवाहित हो चुके हैं। उन्हें उचित न्याय एवं सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि उनका एक बार फिर संवैधानिक व्यवस्थाओं संविधान एवं लोकतांत्रिक गणराज्य पर विश्वास पूर्णता स्थापित हो सके ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *