Recent Posts

May 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

एनएमडीसी ने भारत के अग्रणी लौह अयस्क खनक के रूप में अपनी ख्याति को साबित किया

1 min read
  • कोविड महामारी के बीच भी निरंतर प्रगति की

श्री सुमित देव, सीएमडी, एनएमडीसी ने कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात पहली बार एनएमडीसी के शेयरधारकों को 62 वीं वार्षिक आम बैठक में संबोधित किया। उन्होंने सभी शेयरधारकों को धन्यवाद दिया तथा यह बताया कि किस प्रकार भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक पर्यावरण हितैषी खनिक के रूप में देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर बल देते हुए निरंतर प्रगति कर रहा है। एनएमडीसी भारत में लौह अयस्क, कोयला तथा अन्य खनिजों की विभिन्न परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने तथा उन्हें प्रचालित करने कि अपने मिशन पर निरंतर अग्रणी है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष के दौरान छत्तीसगढ़ में बैलाडीला लौह अयस्क खानों के सभी पांच खनन पट्टों को विस्तारित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी सूचना दी कि कोयला मंत्रालय ने एनएमडीसी को कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 की धारा 5 के अधीन तोकीसूद उत्तर कोयला खान ( नॉन कोकिंग कोल) तथा रोहने कोयला खान (कोकिंग कोल ) का सफल आबंटी घोषित किया है।

कैलेंडर वर्ष 2019 संपूर्ण विश्व के साथ -साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है। कैलेंडर वर्ष 19 के दौरान विश्व की प्रगति एक दशक पहले वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से सर्वाधिक धीमी रही है।

वैश्विक मंदी का सभी देशों पर प्रभाव पड़ा है जिसमें किसी देश के विशेष कारक भी शामिल हैं । बढती हुई व्यापारिक आशंकाओं तथा अनिश्चितताओं से भारत जैसे उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं के व्यापारिक वातावरण एवं आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है।

  • भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनी तथा खान से धातु मूल्य श्रृखला में एक महत्वपूर्ण स्टेक धारक होने के कारण आपकी कंपनी पर भी इसका प्रभाव पड़ा जो वित्त वर्ष में हमारे कार्य निष्पादन में परिलक्षित होता है। कंपनी का टर्नओवर समीक्षाधीन वर्ष के दौरान 3.74% घटकर रुपए 11,699 करोड रहा जो पिछले वित्त वर्ष में रुपए 12,153 करोड़ था।  हमारे मार्जिन पर भी प्रभाव पड़ा।  हमारे चालू परिचालनों से कर पूर्व लाभ (पीबीटी) पिछले वित्त वर्ष 2018 -19 के रुपए 7199 करोड़ से 14.95% घटकर रुपए 6123 करोड़ रहा ।  कर पश्चात लाभ (पीएटी) पिछले वित्त वर्ष 2018 -19 के रुपए 4,642 करोड़ से 22.23% घटकर रुपए 3,610 करोड़ रहा ।

तथापि, श्री सुमित देब ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाली तिमाहियों में आपकी कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा क्योंकि एनएमडीसी अपनी परिचालन क्षमताओं को प्राथमिकता दे रहा है तथा नए वित्त वर्ष में बेहतर निष्पादन के लिए अपनी कार्य नीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने दोणिमलै खानों पर नई जानकारी देते हुए बताया कि 15 सितम्बर को कर्नाटक मंत्रिमंडल ने दोणिमलै में खनन परिचालन प्रारंभ करने के आवेदन पत्र को अनुमति दे दी है। यह कंपनी, कर्नाटक सरकार तथा भारत सरकार के बीच बातचीत का एक सकारात्मक परिणाम है। दोणिमलै खानों में खनन प्रचालनों का वास्तविक रूप से जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है ।

बढ़ती हुई मांग की पृष्ठभूमि में एनएमडीसी  लौह अयस्क की बढती हुई घरेलू कीमतों का लाभ उठा सका है जो पिछले 22 महीने में सर्वाधिक हैं क्योंकि लॉकडाउन के प्रतिबंध हटाने से मांग में वृद्धि हो हुई है। कोविड-19 के कारण मौजूदा अनिश्चितता पूर्ण परिस्थितियों के बावजूद हमने जुलाई 2020 में एनएमडीसी ने समग्र उत्पादन तथा बिक्री में जुलाई 2019 की इसी अवधि की तुलना में तेजी से वृद्धि दर्ज की है।

कोविड-19 की वर्तमान अनिश्चित परिस्थितियों के बावजूद एनएमडीसी ने इस वित्त वर्ष में अधिक मात्रा में उत्पादन के प्रति निरंतर प्रयासों के द्वारा अगस्त 2020 तक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सफल रही है। इस दौरान कंपनी ने  10.41 एमटी का उत्पादन तथा 10.85 एमटी की बिक्री की है।

अंत में एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक ने यह बताया कि किस प्रकार तक प्रौद्योगिकी के उन्नयन से खनन प्रचालन आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी बने हैं तथा कंपनी का मानव संसाधन विकास कंपनी के लिए एक प्रमुख परिसंपत्ति रही है।  उन्होंने विशेष रूप से एनएमडीसी के सीएसआर संबंधी कार्यों का उल्लेख किया जो सामान्य रूप से एनएमडीसी के खनन स्थलों के आसपास रहने वाले लोगों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति में सुधार लाने तथा उसे गुणतापूर्ण बनाने में सहायक रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एनएमडीसी में पर्यावरण की सुस्थिरता हमेशा एक प्राथमिकता रही है तथा भविष्य में भी यह प्राथमिकता बनी रहेगी।

श्री सुमित देब ने भारत सरकार, इस्पात मंत्रालय,खान मंत्रालय, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तथा अन्य राज्य सरकारों तथा अन्य स्टेकधारकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने एनएमडीसी पर अपना भरोसा एवं विश्वास कायम रखा है।

उन्होंने अपने संबोधन के अंत में कहा कि “यह प्रगति कंपनी के कर्मचारियों के निरंतर तथा प्रतिबद्ध प्रयासों एवं कठिन परिश्रम के कारण संभव हो सकी है।  कोविड-19 महामारी ने एनएमडीसी के समक्ष नई चुनौतियां खड़ी की हैं जिसका एनएमडीसी समूंह ने वीरतापूर्वक सामना किया है। निश्चित रूप से यह हमारा प्रयास रहेगा कि हम अपनी कंपनी की सुस्थिर प्रगति, विस्तार तथा समृद्धि के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास करें जिससे आने वाले समय में सभी स्टेट धारकों को लाभ हो।“